नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने चीन नागरिकों को पर्यटन वीजा के आधार पर भारत आने पर रोक लगा दी है। केंद्र ने यह कदम चीन के उस कदम के जवाब में उठाया है, जिसमें वह भारतीय छात्रों को चीन में प्रवेश करने से रोक रहा है। ध्यान रहे कि बड़ी संख्या में भारतीय छात्र चीन मेडिकल विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं। लेकिन कोरोना के कहर के चलते सभी छात्र स्वदेश लौट आए थे, लेकिन अब जब हालात दुरूस्त हो चुके हैं, तो सभी अपनी पढ़ाई शुरू करने के लिए चीन जाने की तैयारी कर रहे हैं, मगर ड्रैगन की दगाबाजी देखिए कि वो छात्रों के चीन में प्रवेश करने से अडंगा लगा रहा है और हैरानी इस बात को लेकर है कि वो ऐसा करने के पीछे की वजह भी जगजाहिर नहीं कर पा रहा है, जिसे ध्यान में रखते हुए अब भारत ने चीनी नागरिकों के भारत द्वारा जारी किए गए पर्टयन वीजा पर ही रोक लगा दिया है।
बता दें कि प्रतिवर्ष भारी संख्या में चीनी नागरिक पर्यटन वीजा के आधार पर भारत आते हैं, लेकिन इस बार वे नहीं आ पाएंगे। वहीं, कोरोना से हालात दुरूस्त होने के बाद अन्य देशों की मेडिकल यूनिवर्सिटी भी भारतीय छात्रों को प्रवेश की इजाजत दे रही है, लेकिन चीन को न जाने ऐसी कौन-सी आपत्ति है, जिसे वे जगजाहिर करने से भी गुरेज कर रहा है और भारतीय छात्रों को प्रवेश करने से भी रोक रहा है। बहरहाल, इस मसले को केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंयकर द्वारा भी विश्व बिरादरी के समक्ष उठाया गया था। उन्होंने कहा था कि हमारे यहां पढ़ने वाले छात्रों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है और चीन छात्रों को अपने देश में प्रवेश करने से रोक रहा है। लिहाजा चीन अतिशीघ्र पूरे मामले को संज्ञान में लेने के उपरांत भारतीय छात्रों के प्रवेश के लिए मार्ग प्रशस्त करे।
उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरदिंम बागची की तरफ से भी विश्व बिरादरी के समक्ष इस पूरे मसले को उठाया गया था और मांग की गई थी कि चीन इस दिशा में कोई कदम उठाए,ताकि भारतीय छात्रों के लिए चीनी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के द्वारा खुल सकें। बहरहाल, अब देखना होगा कि इन सभी दबाव के उपरांत चीन की तरफ से भारतीय छात्रों के लिए चीन में प्रवेश करने के मार्ग प्रशस्त होते हैं की नहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।