नई दिल्ली। स्वच्छता सर्वेक्षण के मामले में मध्य प्रदेश के शहर इंदौर ने इतिहास रच दिया है। इंदौर को लगातार आठवीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा हर साल स्वच्छ भारत सर्वे कराया जाता है। साफ शहरों में दूसरे नंबर पर गुजरात के सूरत ने बाजी मारी है। वहीं तीसरे स्थान पर नवी मुंबई को रखा गया है। हालांकि पिछले साल सूरत भी इंदौर के साथ नंबर वन के पायदान पर था मगर इस बार वो एक स्थान नीचे खिसक गया। इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों पुरस्कार दिया गया।
<blockquote class=”twitter-tweet” data-media-max-width=”560″><p lang=”hi” dir=”ltr”>सुपर स्वच्छ इंदौर,<br>यह एक अलग दौर !!!<br><br>आज नई दिल्ली में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 के तहत पुरस्कार प्राप्त कर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं।<br><br>इंदौर को लगातार आठवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार प्राप्त हुआ है। इसी के साथ… <a href=”https://t.co/DzuAE4oZNu”>pic.twitter.com/DzuAE4oZNu</a></p>— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) <a href=”https://twitter.com/KailashOnline/status/1945729899505098805?ref_src=twsrc%5Etfw”>July 17, 2025</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>
कैलाश विजयवर्गीय ने सोशल मीडिया पर लिखा, सुपर से भी ऊपर, अपना इंदौर। यह एक दौर है, यह इंदौर है, यही स्वच्छता का गुरु है, यही स्वच्छता का पथ प्रदर्शक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन में कदमताल करते हुए इंदौर ने लगातार आठवीं बार देशभर में स्वच्छता में शीर्ष स्थान प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के कुशल नेतृत्व में इंदौर ने सिद्ध कर दिया कि जब जनता का संकल्प, जनप्रतिनिधियों की निष्ठा, प्रशासन की तत्परता और स्वच्छता मित्रों का परिश्रम एक सूत्र में बंध जाते हैं, तब असंभव को भी संभव किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, इस अद्वितीय उपलब्धि पर इंदौर की जागरूक, कर्मठ और सतत जाग्रत जनता को कोटिशः नमन। इस अभियान में तन-मन-धन से सहभागी रहने वाले समस्त जनप्रतिनिधि, प्रशासन, स्वच्छता सेनानी एवं स्वयंसेवी संगठनों को हार्दिक शुभकामनाएं और साधुवाद। यह स्वच्छता केवल पुरस्कार पाने का साधन नहीं, यह तो इंदौरवासियों की चेतना का दर्पण है, जो आने वाली पीढ़ियों को भी स्वच्छ जीवन जीने की प्रेरणा देता रहेगा। इंदौर की यह स्वर्णिम गौरव यात्रा यूँ ही अविराम गतिमान रहे, यही मेरी मंगलकामना है।