नई दिल्ली। अपनी सौंदर्यता के लिए समस्त विश्व में सर्वविख्यात उत्तराखंड पर्यटन उद्योग में सबसे अव्वल है। यहां प्रतिवर्ष भारी संख्या में सैलानी अपनी आमद दर्ज कराते हैं, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। पर्यटन उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ की हड्डी मानी जाती है, लेकिन दैनिक जागरण में प्रकाशित हुए एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विगत कुछ वर्षों से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग में विशेष समुदाय की घुसपैठ तेजी से बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप स्थानीय लोग बेरोजगारी के कहर का शिकार हो रहे हैं।
पहले स्थानीय लोगों का पर्यटन उद्योग में दबदबा हुआ करता था, लेकिन विशेष समुदाय ने इन उद्योग में सेंध लगा दी है। जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, विशेष समुदाय के लोगों द्वारा स्थानीय लोगों से कम कीमत पर जमीन और होटल लीज पर लिए जा रहे हैं और यहां यह लोग पर्यटन उद्योग के जरिए अच्छा धनार्जन कर पा रहे हैं। प्रदेश के कई जिलों में विशेष समुदाय की घसपैठ तेजी होती जा रही है, लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से इस दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। इनके कुछ संदिग्ध संचालक भी प्रकाश में आए हैं। जिस पर अंकुश लगाने की दिशा में सरकार की तरफ से प्रयास किए जा चुके हैं। उधर, जागरण में प्रकाशित रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विशेष समुदाय के लोगों को बाहर से भी फंडिंग दी जा रही है, ताकि सरलता व सुगमता से पर्यटन उद्योग पर अपना कब्जा जमाया जा सकें।
वहीं, रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विशेष समुदाय के लोग पर्यटन उद्योग के अलावा टूर एडं ट्रैवल्स उद्योग में भी इन लोगों ने अच्छा खासा दबदबा बनाया है। स्थानीय लोग अब पर्यटन उद्योग के साथ-साथ टूर एडं ट्रैवल्स उद्योग से भी आहिस्ता-आहिस्ता बाहर होते जा रहे हैं। बहरहाल, स्थानीय स्तर से इस संदर्भ में शासन को रिपोर्ट सौंपी गई है। अब ऐसे में इस बात पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी कि आगे चलकर शासन की तरफ से क्या कुछ कार्रवाई की जाती है।