newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Delhi Liquor policy case: शराब घोटाले में जांच तेज, घर के बाद अब मनीष सिसोदिया के लॉकर की तलाशी, बैंक पहुंची CBI

Delhi Liquor policy case: इसके अलावा सीबीआई ने पूर्व एक्साइज कमिश्नर अराबा गोपी कृष्णा के घर समेत 7 राज्यों के 21 ठिकानों पर छापा मारा था। अब अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई मनीष सिसोदिया के लॉक बैंक लॉकर की जांच करने गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 की पंजाब नेशनल बैंक पहुंची है।

नई दिल्ली। दिल्ली की चर्चित शराब नीति गड़बड़ी मामले में सीबीआई का एक्शन अब तेज हो गया है। अगस्त महीने में ही सीबीआई की टीम ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी की थी। इसके अलावा सीबीआई ने पूर्व एक्साइज कमिश्नर अरावा गोपी कृष्णना के घर समेत 7 राज्यों के 21 ठिकानों पर छापा मारा था। अब अब केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई मनीष सिसोदिया के लॉक बैंक लॉकर की जांच करने गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर 4 की पंजाब नेशनल बैंक पहुंची है।

सीबीआई की टीम वहां मनीष सिसोदिया के लॉकर की जांच करेगी। इस दौरान मनीष सिसोदिया और उनकी पत्नी भी बैंक में मौजूद है। मनीष सिसोदिया के सामने ही उनके लॉकर को बैंक में सीबीआई के अधिकारी खोलेंगे।

आपको बता दें, बीते कुछ समय से दिल्ली सरकार की अरविंद केजरीवाल सरकार बीते वर्ष लागू की गई नई आबकारी नीति को लेकर चर्चा में हैं। ये शराब नीति सवालों में बनी हुई है। इस नई एक्साइज ड्यूटी में कई तरह की गड़बड़ी के आरोप हैं। कहा जा रहा है कि शराब नीति के जरिए शराब लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। लाइसेंस देने के नियमों की भी अनदेखी की गई। टेंडर के बाद  शराब ठेकेदारों के 144 करोड़ रुपए छोड़ दिए गए। रिपोर्ट में तो ये सामने आ गया है कि इस नीति के जरिए कोरोना महामारी के बहाने लाइसेंस की फीस माफी की गई। रिश्वत लेकर शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने का काम किया गया। आरोप है कि नई आबकारी नीति के तहत लिए गए फैसलों से राजस्व को भी भारी नुकसान हुआ है। सरकार इस नई नीति को शराब कारोबारियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लाया गया है। अब में सीबीआई की टीम आबकारी घोटाले में छापेमारी कर रही है।

CBI

गौरतलब हो कि दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना की तरफ से सीबीआई जांच को लेकर सिफारिश की गई थी। एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के बाद इस कदम को उठाने का फैसला लिया था। सामने आई इस रिपोर्ट में मनीष सिसोदिया की भूमिका को लेकर सवाल उठाए गए हैं। ध्यान हो कि एक्साइज विभाग मनीष सिसोदिया के ही अधीन है।