newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की इन धाराओं के तहत हुआ है केस दर्ज

आपको बता दें कि शरजील पर केस दिल्ली और यूपी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में पुलिस की टीम दिल्ली, यूपी समेत बिहार में भी छापेमारी कर रही हैं।

नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने वाले शरजील इमाम की तलाश पुलिस कर रही है लेकिन वो अभी फरार है। आपको बता दें कि शरजील पर दिल्ली और अलीगढ़ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश में पुलिस की टीम दिल्ली, यूपी समेत बिहार में भी छापेमारी कर रही हैं।

Sharjeel Imam

शरजील के ऊपर जो धाराएं लगी हैं, उसमें आईपीसी की 124 ए, 153 ए और 505 ए धारा शामिल हैं। शरजील पर इन्हीं धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। इन धाराओं का इस्तेमाल शब्दों द्वारा अपराध, या तो बोला गया या लिखित रूप से कानून द्वारा स्थापित सरकार के खिलाफ असहमति। अलग धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी पैदा करने के इरादे से बयान देना या उन्हें बढ़ावा देना। सार्वजनिक उपद्रव के लिए जिम्मेदार बयान भी इसकी वजह हो सकते हैं।

delhi police

धारा 124 ए

इन धाराओं में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को तीन साल तक की कैद हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अब आपको विस्तार से बताते हैं इन धाराओं के बारे में। इसमें इंडियन पीनल कोड की धारा 124 ए को ही राजद्रोह का कानून कहा जाता है। हाल ही के चर्चित मामलों की बात करें तो पिछले सालों में काटूर्निस्‍ट असीम त्रिवेदी, हार्दिक पटेल, कन्हैया कुमार आदि को इस कानून के तहत ही गिरफ्तार किया गया था।

IPC Police

धारा 153

वहीं आईपीसी की धारा 153 के अनुसार, जो भी कोई शख्स अवैध बातें करके किसी व्यक्ति को द्वेषभाव या बेहूदगी से निशाना बनाता है और ऐसे भाषण या बयान से परिणामस्वरूप उपद्रव हो सकता है, वे मामले इसी धारा के तहत आते हैं।

sharjeel imam

धारा 505

धारा 505 के अनुसार, अगर भारत की सेना, नौसेना या वायुसेना का कोई अधिकारी, सैनिक, नाविक या वायुसैनिक विद्रोह करे या वह अपने कर्तव्य की अवहेलना करे या उसके पालन में असफल रहे। या सामान्य जन या जनता के किसी भाग को ऐसा डर हो, जिससे कोई व्यक्ति राज्य के विरुद्ध या सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध करने के लिए उत्प्रेरित हो। या किसी वर्ग या समुदाय को किसी दूसरे वर्ग या समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए उकसाया जाए। या इस तरह के बयानों या आपत्तिजनक भाषणों की रचना, प्रकाशित और प्रसार करे। तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 505 ए के तहत मुकदमा होता है। दोषी पाए जाने पर उस शख्स को किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा हो सकती है, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया भी जा सकता है।