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Operation POK Soon? क्या POK वापस लेने की तैयारी कर रहे हैं PM मोदी? राजनाथ के बयान में छिपे इस संकेत को समझिए

पौराणिक कहानियों के मुताबिक जब दक्ष के यज्ञ में सती ने प्राण त्यागे, तो भगवान शिव उनके शव को लेकर इधर-उधर डोलते रहे। तब भगवान विष्णु ने चक्र चलाकर सती के शव के टुकड़े कर दिए थे। मान्यता है कि इन टुकड़ों में से सती का दाहिना हाथ कश्मीर में गिरा था। जहां इसके गिरने की बात कही जाती है, वहीं मां शारदा का मंदिर बनाया गया था।

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने आतंकवादी घटनाएं होने पर पाकिस्तान के खिलाफ एक बार सर्जिकल और एक बार एयरस्ट्राइक कराई। क्या अब जल्दी ही वो पाक अधिकृत कश्मीर POK को वापस लेने के लिए सेना को हरी झंडी दिखाने वाले हैं? ये सवाल रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से चर्चा में है। राजनाथ सिंह ने अपने जम्मू-कश्मीर दौरे में जनसभा को संबोधित करते हुए जो बयान दिया था, वो पीओके में एक ऐतिहासिक मंदिर से जुड़ा था। राजनाथ ने कहा था कि ऐसा भला कैसे हो सकता है कि बाबा अमरनाथ हमारे पास रहें और मां शारदा पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाके में हों। तो पहले आप सुनिए कि राजनाथ सिंह ने क्या कहा था।

अब ये भी जान लीजिए कि भारत और खासकर कश्मीरी पंडितों के लिए मां शारदा का मंदिर आखिर इतना अहम क्यों है? पौराणिक कहानियों के मुताबिक जब दक्ष के यज्ञ में सती ने प्राण त्यागे, तो भगवान शिव उनके शव को लेकर इधर-उधर डोलते रहे। तब भगवान विष्णु ने चक्र चलाकर सती के शव के टुकड़े कर दिए थे। मान्यता है कि इन टुकड़ों में से सती का दाहिना हाथ कश्मीर में गिरा था। जहां इसके गिरने की बात कही जाती है, वहीं मां शारदा का मंदिर बनाया गया था।

sharda peeth pok

शारदा पीठ को कश्मीरी पंडित ज्ञान का स्रोत भी मानते हैं। ये पीओके में मुजफ्फराबाद से 140 किलोमीटर दूर है। नीलम नदी के किनारे बने शारदा पीठ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि महाराज अशोक ने 237 ईसा पूर्व इसे बनवाया था। पिछले 70 साल से यहां पूजा नहीं हुई है। इतिहास में लिखा है कि शंकराचार्य और रामानुजाचार्य भी इस मंदिर में पूजा करने आए थे। कई बार विदेशी आक्रांताओं ने इस मंदिर को तोड़ा भी था। 19वीं सदी में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन शासक महाराज गुलाब सिंह ने आखिरी बार इसकी मरम्मत कराई थी।