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Gujarat Assembly Election 2022: बीजेपी-कांग्रेस के दबदबे वाली सीट है गुजरात की जाम खंभालिया, ‘आप’ के सीएम कैंडिडेट इसुदान के लिए आसान नहीं मुकाबला!

इसुदान गढ़वी खुद जाम खंबालिया के हैं। वो पिपलिया गांव के रहने वाले हैं। पिछड़े वर्ग के हैं। सियासत में आने से पहले पत्रकार थे। वीटीवी गुजराती चैनल में एंकर रहने के दौरान ‘महामंथन’ नाम का शो करते थे। इस शो को काफी लोग देखते और पसंद करते थे। गढ़वी के परिवार में तीन भाई-बहन हैं। इनमें इसुदान सबसे छोटे हैं।

द्वारका। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मैदान सज चुका है। इस मुकाबले में सबकी नजरें एक खास सीट पर हैं। ये सीट भगवान श्रीकृष्ण की द्वारका की जाम खंभालिया है। इस सीट से आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव इसुदान गढ़वी को टिकट दिया है। इसुदान गढ़वी आम आदमी पार्टी के सीएम प्रत्याशी भी हैं। गढ़वी को बतौर सीएम चेहरा घोषित करते हुए आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों, बेरोजगारों, महिलाओं और व्यापारियों के हित के लिए कई साल से आवाज बुलंद करने वाले इसुदान गढ़वी जाम खंभालिया से चुनाव लड़ेंगे। भगवान कृष्ण की पावन भूमि से गुजरात को नया सीएम मिलेगा।

isudan gadhvi and arvind kejriwal

इसुदान गढ़वी खुद जाम खंबालिया के हैं। वो पिपलिया गांव के रहने वाले हैं। पिछड़े वर्ग के हैं। सियासत में आने से पहले पत्रकार थे। वीटीवी गुजराती चैनल में एंकर रहने के दौरान ‘महामंथन’ नाम का शो करते थे। इस शो को काफी लोग देखते और पसंद करते थे। गढ़वी के परिवार में तीन भाई-बहन हैं। इनमें इसुदान सबसे छोटे हैं। परिवार का मुख्य पेशा खेती किसानी है। गढ़वी ने बतौर पत्रकार खेती, किसानों की मुश्किलों और बेरोजगारी पर फोकस किया था। इसी वजह से उनको आम आदमी पार्टी ने आगे किया है। गढ़वी साल 2021 में आप में शामिल हुए थे।

vikram madam mulu berani

अब बात जाम खंभालिया सीट की कर लेते हैं। यहां इसुदान गढ़वी को त्रिकोणीय मुकाबले का सामना करना है। पिछली बार यानी 2017 में जाम खंभालिया सीट को कांग्रेस के विक्रम मैडम ने जीता था। उन्होंने बीजेपी के कालू चावड़ा को 11046 वोटों से शिकस्त दी थी। कांग्रेस के पास ये सीट 2014 के उपचुनाव में आई थी। उससे पहले साल 2007 से 2014 तक बीजेपी का जाम खंभालिया पर कब्जा था। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस का यहां सिक्का चलता रहा है। हालांकि, इसुदान गढ़वी खुद जाम खंभालिया के हैं, लेकिन दोनों बड़ी पार्टियों के वोटरों को अपने पाले में करना इतना आसान भी नहीं है। बीजेपी ने यहां से मुलु बेरानी और कांग्रेस ने एक बार फिर विक्रम मैडम को मैदान में उतारा है।