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Delhi: जहांगीरपुरी मामले में बड़ा खुलासा, शोभायात्रा पर गोली चलाने वाले असलम समेत अबतक 15 लोग धरे

Delhi: दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा को काबू में करने के लिए करीब 50 राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने अपनी एफआईआर में पूरी घटना को सांप्रदायिक दंगा करार दिया है।

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में कल हनुमान जंयती के मौके पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव और हिंसा के मामले में अब तक पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में असलम उर्फ खोदू और अंसार और उसके साथी भी हैं। असलम उर्फ खोदू के पास से वो असलहा बरामद किया गया है, जिससे एक पुलिसकर्मी को गोली मारने का आरोप उस पर लगा है। वहीं, अंसार के बारे में पुलिस की एफआईआर कह रही है कि उसने ही अपने साथियों के साथ मिलकर हिंसा की शुरुआत की। दिल्ली पुलिस की एफआईआर के मुताबिक शनिवार शाम करीब 6 बजे शोभायात्रा जहांगीरपुरी के जामा मस्जिद तक पहुंची थी।

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पुलिस का कहना है कि अंसार नाम का शख्स अपने चार-पांच साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और शोभायात्रा में शामिल लोगों से बहस की। बहस के बाद दोनों पक्षों में झगड़ा बढ़ गया और पथराव शुरू हो गया। पुलिस के मुताबिक पहले दोनों पक्षों को समझाकर हालात काबू में कर लिया गया था, लेकिन बाद में फिर पथराव और धार्मिक नारे लगने लगे और फायरिंग भी हुई।

फायरिंग से सब इंस्पेक्टर मेदालाल घायल हुए। दिल्ली पुलिस के मुताबिक हिंसा को काबू में करने के लिए करीब 50 राउंड आंसू गैस के गोले दागने पड़े। पुलिस ने अपनी एफआईआर में पूरी घटना को सांप्रदायिक दंगा करार दिया है।

अपनी एफआईआर में पुलिस ने ये भी बताया है कि शोभायात्रा पहले शांतिपूर्ण तरीके से चल रही थी। सी ब्लॉक जहांगीरपुरी पहुंचने के बाद हंगामा बरपा। खुद थाना इंचार्ज ने भी हिंसा में खुद के घायल होने की बात एफआईआर में दर्ज कराई है। इस मामले की जांच अब स्पेशल सेल को दी गई है। जो वीडियो सामने आए हैं, उनके बारे में एसआई मेदालाल का कहना है कि लोग वहां बांग्ला भाषा में भी नारेबाजी कर रहे थे। बता दें कि इलाके में काफी बांग्लादेशी भी अवैध तरीके से रहते हैं।