नई दिल्ली। पिछले साल दिसंबर में जामिया में हुई हिंसा के बाद पुलिस द्वारा बल के प्रयोग और जामिया लाइब्रेरी में घुसने को लेकर दिल्ली पुलिस की काफी आलोचना हुई थी। जिसपर पुलिस का कहना था कि उपद्रवी जामिया कैंपस में घुस गए थे। इसको लेकर कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं जिसमें पथराव में शामिल लोग जामिया की लाइब्रेरी में दिखाई दे रहे हैं।
विजुअल्स की जांच में पता चला है कि जो उपद्रवी हाथ में पत्थर लेकर पहले रेलिंग्स पर कूदते देखे गए, वहीं जामिया मिलिया इस्लामिया के रीडिंग रूम (लाइब्रेरी) में भी घुसे। ये विजुअल्स पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने और लाठीचार्ज करने से पहले के हैं।
This is the Jamia CCTV footage which reveals how police thrashed students in library on Dec 15 #JamiaProtests #JamiaMilliaIslamia #JAMIA #JamiaViolence
Source – Twitter pic.twitter.com/DpPKpZnAoI— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) February 16, 2020
कई सोर्सेज से सामने आए वीडियो के बीच हुई तुलना से पता चलता है कि लाइब्रेरी के बाहर पत्थर फेंकने वाले कई लोग पुलिस के रीडिंग रूम में दाखिल होने से और बल प्रयोग करने से पहले ही वहां छुपने के लिए घुस चुके थे। अभी तक ये स्थापित नहीं हो सका है कि फुटेज में दिखाई देने वाले ये लोग जामिया के छात्र हैं या बाहरी लोग।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस सोर्सेज की ओर से रिलीज सीसीटीवी फुटेज में एक गंजे व्यक्ति को हाथ में पत्थर में लिए बॉलकनी से कूदते देखा जा सकता है। वहीं मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर रिलीज एक और फुटेज में उसी व्यक्ति को लाइब्रेरी के अंदर देखा जा सकता है। मखतूब मीडिया की ओर से यूट्यूब पर जारी फुटेज में – ‘जामिया लाइब्रेरी में दिल्ली पुलिस की क्रूरता’ दिखाने का दावा किया गया था। इसी कमरे से एक और फुटेज स्थापित करती है कि यही व्यक्ति पुलिस के लाइब्रेरी में प्रवेश करने से पहले एक ग्रुप के साथ रीडिंग रूम में घुसा। इस ग्रुप के कुछ लोगों ने अपने चेहरों को हाथ से ढका हुआ है।
वहीं टोपी और लाल स्वेटशर्ट पहने ये व्यक्ति बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ देखा गया। इस व्यक्ति को भी पुलिस के रीडिंग रूम में घुसने से पहले वहां प्रवेश करते देखा गया। कपड़े से मुंह ढके इस व्यक्ति को लाइब्रेरी में बैठे छात्रों को हाथ के इशारे से चुप रहने के लिए कहते देखा जा सकता है।
एक और शख्स जो लंबे बालों और दाढ़ी के साथ दिखाई दे रहा है और ये व्यक्ति दोनों वीडियो में काफी सक्रिय देखा जा सकता है। इस व्यक्ति ने दोनों हाथों में कुछ पकड़ा हुआ है और इसे बॉलकनी में पत्थर फेंकने वालों के साथ और रीडिंग रूम, दोनों जगह देखा जा सकता है।
हालांकि विभिन्न स्रोतों की ओर से रिलीज जामिया की कुछ फुटेज में टाइम स्टैम्प नहीं है, लेकिन दो वीडियो में सक्रिय टाइम स्टैम्प है. मान लिया जाए कि दोनों सीसीटीवी कैमरा समान सर्वरों से जुड़े थे और एक ही घड़ी फॉलो कर रहे थे।
ऐसे में बॉलकनी में पत्थर लेकर खड़े लोगों और पुलिस के लाइब्रेरी में बल प्रयोग के समय अंतर को देखा जाए तो कम से कम तीन मिनट का फर्क है। यानि बॉलकनी में खड़े लोगों को देखे जाने के कम से कम तीन मिनट बाद पुलिस लाइब्रेरी में घुसी।