नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में आर्टिकल 370 को खत्म किए जाने के बाद राज्य में पहली बार हुए डीडीसी चुनाव (DDC Election) के नतीजे मंगलवार को घोषित किए गए। DDC के इस चुनाव में पूरी तरह से लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत करार दिया जा रहा है। इसके पीछे की वजह ये है कि घाटी से इन दो कानूनों के निरस्त होने के बाद पहली बार पंचायती राज्य व्यवस्था के लिए चुनाव हुआ। इस चुनाव में पहली बार घाटी के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपने मत का प्रयोग कर भारत के लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था का सबूत दिया। वहीं यह चुनाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए काफी खास रहा। आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद घाटी में कमल का दबदबा दिखा।
इस चुनाव ने ये साबित कर दिया है कि अब कश्मीर की जनता विकास चाहता है और यही वजह है कि सूबे में भाजपा 74 सीटें जीतने में कामयाब रही। भले ही गुपकार गठबंधन (Gupar Alliance) ने बहुमत हासिल करने में कामयाबी हासिल की हो लेकिन 74 सीटें जीतकर भाजपा यहां पर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। अकेले जम्मू संभाग में ही पार्टी को 71 सीटें मिली हैं, जबकि कश्मीर रीजन में गुपकार गठबंधन को 72 सीटों पर जीत हासिल हुई।
भाजपा सबसे ज्यादा 74 सीट जीतकर सबसे बड़ा दल बनकर उभरी है। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस 67, पीडीपी 27 सीट जीती है। इसके अलावा कांग्रेस 26और 49 निर्दलीय उम्मीदवार जीते।
वहीं भाजपा ने कश्मीर घाटी में पहली बार तीन सीटें जीती हैं। इनमें से एक बांडीपोरा की तुलेल सीट है। जहां भाजपा के एजाज अहमद खान ने निर्दलीय उम्मीदवार को 1330 वोटों से हराया। वहीं, पुलवामा जिले की काकपोरा-दो सीट से भाजपा की मिन्हा लतीफ ने पीडीपी की रकैया बानो को 14 वोटों से हरा दिया। इसके अलावा श्रीनगर की खानमोह-दो से भाजपा प्रत्याशी एजाज हुसैन राथर ने जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के गुलाम हसन हज्जाम को 441 वोटों से मात दी।