नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शनिवार को दुर्गा अष्टमी और राम नवमी के मौके पर प्राचीन ‘दुर्गा नाग’ मंदिर पहुंचे और देवी के सामने शीश झुकाया।बता दें कि इसकी वजह से अब्दुल्ला काफी चर्चा में भी बने हुए हैं। यही नहीं, फारूक अब्दुल्ला कुछ दिन पहले धारा 370 और चीन को लेकर दिए एक बयान को लेकर विवादों में छाए थे। अब 84 वर्षीय नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने प्राचीन ‘दुर्गा नाग’ मंदिर में शांति और मानवजाति के कल्याण की प्रार्थना की। डलगेट के पास स्थित मंदिर में फारूक अब्दुल्ला उस समय पहुंचे जब कश्मीरी पंडित समुदाय पुजारी वहां हवन कर रहे थे। लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने वहां मौजूद पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”यह हमारे हिंदू भाइयों और बहनों के लिए महत्वपूर्ण दिन है और इस मंदिर का बहुत महत्व है। मैं यहां मनाए जा रहे धार्मिक त्योहार पर लोगों को शुभकामनाएं देने आया हूं।”
उन्होंने कश्मीरी पंडितों की घर वापसी को लेकर यह भी प्रार्थना की कि विस्थापित कश्मीरी पंडित जितनी जल्दी संभव हो अपने घरों में लौट आएं। परंपरागत पठानी सूट पहने फारूक अब्दुल्ला कोरोना महामारी को देखते हुए फेसगार्ड और मास्क भी लगाए नजर आए। उन्होंने लोगों से सार्वजनिक जगहों पर सोशल डिस्टेंशिंग के नियमों का पालन करने की अपील भी की।
वहीं मंदिर की बात करें तो यह मंदिर 700 साल से भी ज्यादा पुराना मंदिर माना जाता है। 2013 में मंदिर परिसर में शिवलिंग की स्थापना की गई थी। नवरात्र और खासकर अष्टमी के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आकर पूजा पाठ करते हैं।