रांची। झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों का ईसाई मिशनरियां जमकर धर्म परिवर्तन करा रही हैं। प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के अलावा राज्य में तमाम जगह सरकारी से लेकर विवादित जमीनों तक पर चर्च खड़े कर दिए गए हैं। यहां तक कि गरीबों के लिए मिले पीएम आवास को भी चर्च बना दिया गया है। झारखंड में आदिवासी बहुल इलाकों में ईसाई मिशनरियों का धर्मांतरण का खेल साल के 365 दिन जारी रहता है। यहां प्रलोभन देकर आदिवासियों को ईसाई बनाया जाता है। खूंटी जिले के तोरपा ब्लॉके पंढरिया गांव में पीएम आवास के तहत दिए गए एक घर में क्रूस और यीशु की मूर्ति लगाकर उसे चर्च बना दिया गया है। इसी ब्लॉक के रायसिमला गांव में एक आदिवासी के घर को भी मिशनरियों ने चर्च बनवा दिया है। रायसिमला गांव के ही एक व्यक्ति से गोदाम के नाम पर जमीन लेकर वहां चर्च बनाकर कब्जा करने की बात सामने आई है। सरना समाज के लोगों ने मिशनरियों के इस काम का विरोध भी किया, लेकिन सरकारी तंत्र ने कुछ नहीं किया है। गांवों में ही नहीं, बल्कि रांची में भी कई अवैध चर्च बनाए गए हैं।
इसके अलावा सिमडेगा जिले में भी चर्च बनाए जाने की खबर आई है। सूबे की सरकार ने अवैध धर्मांतरण के इस पूरे खेल की तरफ से आंखें मूंद रखी हैं। इसका फायदा उठाकर दूर-दराज के गांवों तक ईसाई मिशनरी पहुंच रहे हैं।
आदिवासियों को धन, शादी और अन्य प्रलोभन देकर उन्हें बरगलाया जाता है। जिसके बाद उसे ईसाई धर्म में दीक्षा दे दी जाती है। इस तरह आदिवासियों का मूल धर्म लगातार खत्म होता जा रहा है और साथ ही राज्य की डेमोग्राफी यानी आबादी का धर्म भी बदलता जा रहा है।