newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

जोर जबरदस्ती से कुछ हासिल नहीं हुआ तो अब हाईकोर्ट की शरण मे पहुंचा जेएनयू छात्रसंघ

कुलपति ने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे हुए अन्य छात्र भी जल्द ही अपने पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। जेएनयू में अभी भी इस सेमेस्टर के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया जारी है।

नई दिल्ली। आखिरकार जेएनयू छात्रसंघ कानून के रास्ते पर आ गया है। इससे पहले छात्रसंघ से जुड़े विद्यार्थियों ने जमकर शोर शराबा, तोड़फोड़ और यहां तक मारपीट भी की कि छात्र एडमिशन के लिए रजिस्ट्रेशन न करा सकें मगर इन सबके बावजूद अधिकतर छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इसके बाद जेएनयू छात्रसंघ को समझ आ गयी।

delhi highcourt

अब छात्रसंघ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में न‌ए होस्टल मेनुअल और फीस बढ़ोतरी को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा है। जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, उपाध्यक्ष साकेत मून और अन्य सदस्यों द्वारा यह याचिका दायर की गई है।

JNU

छात्रसंघ ने अपनी याचिका में कहा है कि उससे बिना फीड बैक लिए ही विश्वविद्यालय प्रशासन ने अक्टूबर में फीस के नए नियम लागू कर दिए। याचिका में मांग की गयी है कि प्रशासन को पुराने नियम और फीस के तहत ही न‌ए एडमिशन देने का निर्देश दिया जाए।

Aishi Ghosh JNU

इस बीच जेएनयू के कुलपति प्रो एम जगदीश कुमार ने जानकारी दी है कि जेएनयू के कुल 8500 छात्रों में से 82 फीसद छात्रों यानी 6,970 छात्रों ने सोमवार तक शीतकालीन सेमेस्टर के लिए पंजीकरण करा लिया है। कुलपति ने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे हुए अन्य छात्र भी जल्द ही अपने पंजीकरण की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। जेएनयू में अभी भी इस सेमेस्टर के पंजीकरण के लिए प्रक्रिया जारी है।