लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी KGMU लखनऊ ही नहीं, देश और विदेश में भी चिकित्सा की पढ़ाई के लिए जाना जाता है। यहां से पढ़े डॉक्टरों ने विदेश तक अपनी धाक जमाई है, लेकिन यहां के कुछ छात्र गलत काम की वजह से भी संस्थान को चर्चा में लाते रहते हैं। केजीएमयू के कई छात्र मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले में पकड़े गए थे। अब यहां के 21 सीनियर और 21 जूनियर यानी कुल 42 छात्रों को मुन्नाभाई बनने की वजह से सस्पेंड किया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद एक खास इम्तिहान के हर पेपर की छानबीन की जा रही है।
हुआ दरअसल ये है कि केजीएमयू में पढ़ाई करने वाले छात्रों का सालाना इम्तिहान के अलावा असेसमेंट टेस्ट भी होता है। ऐसा ही टेस्ट मेडिसिन विभाग के छात्रों का लिया जा रहा है। मेडिसिन असेसमेंट टेस्ट के दौरान 21 जूनियर छात्र, सीनियर्स की जगह इम्तिहान देते पकड़े गए। इम्तिहान 2019 बैच के छात्रों को देना था। जिनकी जगह 2020 के छात्र इम्तिहान दे रहे थे। एक टीचर ने इन छात्रों को पहचान लिया और इसके बाद मुन्नाभाई गीरी का खुलासा हुआ। सभी छात्रों को केजीएमयू प्रशासन ने 8 हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया है। मेडिसिन असेसमेंट के पहले हुए परचों में हैंडराइटिंग की जांच भी कराई जा रही है। इसके अलावा दोषी छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी होने के पूरे आसार हैं।
एकेडेमिक्स की डीन डॉ. उमा सिंह के मुताबिक इस मामले में गहन जांच के बाद और सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल छात्रों के अभिभावकों को उनकी करतूत की जानकारी दी गई है। पता चला है कि सीनियर छात्र छुट्टी पर घर गए थे। इसी वजह से उन्होंने जूनियर छात्रों पर इम्तिहान देने के लिए दबाव बनाया। पहले 6 जूनियर छात्रों को तैयार किया गया। बाद में और सीनियर्स ने भी छात्रों को अपनी जगह बिठाने का फैसला किया। माना जा रहा है कि मेडिसिन के अलावा और विभागों में भी इस तरह परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया जा सकता है।