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पीएम मोदी से मिले ज्योतिरादित्य सिंधिया, अगले 48 घंटे में गिर सकती है कमलनाथ सरकार!

बीजेपी सूत्रों का ये भी कहना है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है। यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है, चल रहे घटनाक्रम को देखते हुए उम्मीद की जा रही है अगले 48 घंटे में कमलनाथ सरकार गिर सकती है। आपको बता दें कि कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बढ़ी खाई से कांग्रेस को संकट का सामना करना पड़ रहा है।

modi Scindia

जहां एक तरफ देशभर में होली की धूम है तो वहीं मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपनी सरकार बचाने की जुगत में हाथ-पैर मार रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बेहद मुश्किल में नजर आ रही है। पार्टी के नाराज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस अंदेशे को और मजबूती दे दी है। बताया जा रहा है कि सोमवार को सिंधिया ने पीएम मोदी से मुलाकात की है।

बीजेपी सूत्रों ने बताया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी में शामिल करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसका अंदाजा इस बात भी लगाया जा सकता है कि बीजेपी आश्वस्त है कि 48 घंटे के अंदर कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी।

Jitu Patwari kamalnath

बीजेपी सूत्रों का ये भी कहना है कि कांग्रेस के बागी विधायक विधानसभा अध्यक्ष को अपने इस्तीफे भेज सकते हैं। ऐसे विधायकों की संख्या 20 हो सकती है। यानी अगर ऐसा होता है तो कमलनाथ सरकार अल्पमत में आ जाएगी और इसके बाद शिवराज सिंह चौहान सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं।

बता दें कि मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है। इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।

Congress leader Kamalnath Singh

वहीं कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि बीजेपी माफिया के सहयोग से सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। सोमवार रात उन्होंने एक बयान में कहा कि मैंने अपना समूचा सार्वजनिक जीवन जनता की सेवा के लिए समर्पित किया है। मेरे लिए सरकार होने का अर्थ सत्ता की भूख नहीं, जन सेवा का पवित्र उद्देश्य है। पंद्रह वर्षों तक बीजेपी ने सत्ता को सेवा का नहीं, भोग का साधन बनाए रखा था और वो आज भी अनैतिक तरीके से मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर करना चाहती है।