कश्मीर में सरपंच की हत्या पर जमकर बरसी कंगना रनौत, कहा जहां हिंदू नहीं वहां सेक्यूलरिज्म भी नहीं
अपनी वीडियो संदेश के शुरुआत में ही कंगना रनौत एक प्लेकार्ड दिखाकर कहती हैं कि इस तरह के प्लेकार्ड, मोमबत्ती सहित सड़क पर प्रदर्शन, पत्थरबाजी, गोला फेंकना, आग लगाना ये सब विरोध के नाम पर करनेवाले आज चुप हैं।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में एक सरपंच की सोमवार को आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अजय पंडिता के रूप में पहचाने जाने वाले लोकबोचन लारकीपोरा के सरपंच को आतंकवादियों ने गोलियों से भून दिया था, जिन्होंने बाद में एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके बाद से ही उन सारे बुद्धिजीवियों की जुबान बंद है जो हर बात पर प्लेकार्ड लेकर, मोमबत्ती लेकर सरकार से हर मामले में इंसाफ की मांग करने लगते हैं। अजय पंडित की हत्या के बाद से ये सारी की सारी सेक्यूलर आवाजें चुप्पी साधे हुए हैं। इसको लेकर कल फिल्म अभिनेता अनुपम खेर भी खूब बरसे थे।
अब मुखर होकर अपनी आवाज रखनेवाली बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत ने भी फिल्म इंडस्ट्री और अन्य संस्थाओं से जुड़े बुद्धिजीवियों को वीडियो संदेश के माध्यम से इस मामले पर चुप्पी साधे रखने के लिए जमकर लताड़ा है। अपनी वीडियो संदेश के शुरुआत में ही कंगना रनौत एक प्लेकार्ड दिखाकर कहती हैं कि इस तरह के प्लेकार्ड, मोमबत्ती सहित सड़क पर प्रदर्शन, पत्थरबाजी, गोला फेंकना, आग लगाना ये सब विरोध के नाम पर करनेवाले आज चुप हैं क्योंकि इनको कश्मीरी पंडित के मारे जाने का दुःख नहीं है। कंगना आगे कहती है कि सेक्यूलर होने की परिभाषा इनकी यहीं तक है।
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and the recent brutal killing of Ajay Pandit. . . . . . #KanganaRanaut #Kashmir #AjayPandit
कंगना ऐसे लोगों पर बरसते हुए कहती हैं कि उनकी मानवता तभी फूट पड़ती है जब इसके पीछे कोई जिहादी एजेंडा हो। लेकिन किसी और को इंसाफ दिलाना हो तो इनके मुंह से चू तक नहीं निकलती है। आगे बोलते हुए कंगना कहती हैं कि जिस तरह से भेड़िया भेड़ की खाल में छुपा होता है उसी तरह से जिहादी एजेंडा वाले लोग सेक्यूलरिज्म की खाल में छुपे होते हैं। ये लोग उल्टा हिंदुओं को सेक्यूलरिज्म सिखाते हैं जिस धर्म में जीव निर्जीव सबके साथ प्रेम करना सिखाया गया है। जो ग्रह, ब्रह्मांड, पृथ्वी, वायु, पर्यावरण, पेड़, पौधे, नदी, जानवर सबकी पूजा करते हैं। उनके लिए ये इस तरह का पाठ पढ़ाते हैं।
आगे कंगना कहती हैं कश्मीर में जो अजय पंडित जी के साथ हुआ उसपर ये चुप्पी साधे रहते हैं। उसके बाद कंगना अपने बयान में बताती हैं कि कश्मीर में आखिर इस्लाम आया कैसे। कंगना कहती है कि 500-600 सालों में जिस तरह से कश्मीर में हिंदुओं का नरसंहार हो रहा है वह किसी से छुपा नहीं है। ऐसे में इतिहास इस बात का गवाह है कि जहां हिंदू नहीं है वहां सेक्यूलरिज्म भी नहीं है। इसके बाद कंगना प्रधानमंत्री मोदी से अपील करती हैं कि पंडितों को कश्मीर वापस भेजा जाया वहां उन्हें फिर से बसाया जाए। वहां फिर से हिंदू धर्म की स्थापना की जाए।
Deeply saddened & angry at the merciless killing of the lone #KashmiriPandit sarpanch #AjayPandita in Anantnag yesterday. My heartfelt condolences to his family. There is an obvious silence from the usual suspects who cry their heart hoarse otherwise. #JusticeForAjayPandita pic.twitter.com/5TnLpABOh2
— Anupam Kher (@AnupamPKher) June 9, 2020
इससे पहले अनुपम ने अपने गुस्से का इजहार करते हुए एक वीडियो शेयर किया था और लिखा था कि कल अनंतनाग में हुई इकलौते कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की निर्मम हत्या से बहुत दुखी और गुस्सा हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ऐसे में उन बुद्धिजीवीयों ने चुप्पी क्यों साध रखी है, जो हर छोटी-छोटी बात पर छाती पीट-पीटकर आंसू बहाते हैं। इसके अलावा अनुपम वीडियो में कहते दिख रहे हैं। कल दिनदहाड़े कश्मीर के अनंतनाग में एक अकेला कश्मीरी पंडित अकेला इसलिए क्योंकि पूरे कश्मीर में कोई और कश्मीरी पंडित सरपंच नहीं था। उसको आतंकवादियों ने सड़क पर गोली मार दी। ये फिर दोहराया जा रहा है, वही कांड जो 80 के दशक में हुआ था, जिसको फाइनल अंजाम तक, 19 जनवरी 1990 को पहुंचाया गया था। उसके मां-बाप को रोता- बिलखता देखकर उनकी तकलीफ़ देखकर मुझे बहुत दुख हुआ, बहुत रोष भी हुआ।