Gyanvapi Masjid News: ‘ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग नहीं बल्कि….’, काशी के महंत का बड़ा दावा, बयान सुनकर उड़ जाएंगे आपके होश

Gyanvapi Masjid News: पंडित उपाध्याय ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग नहीं है, बल्कि फव्वारा ही है। उन्होंने ये भी कहा कि जैसा कि वो पिछले करीब 50 सालों से देखते हुए आ रहे हैं। इसके साथ ही गणेश शंकर उपाध्याय ने यह भी दावा किया हैं कि उन्होंने फव्वारे को चलते हुए कभी नहीं देखा। बता दें कि गणेश शंकर उपाध्याय ने यह बयान एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा।

Avatar Written by: May 23, 2022 7:35 pm
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नई दिल्ली। इन दिनों यूपी के वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद का मसला पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। ज्ञानवापी मामले पर सोमवार को जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। ध्यान रहे कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई संपन्न होने के लिए 8 सप्ताह का वक्त दिया था। एक ओर जहां एक हिंदू पक्ष ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग होने का दावा कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम पक्ष इसे शिवलिंग नहीं फव्वारा बता रहा है। अब इस मामले को लेकर पूरे देश में बहस छिड़ गई है। तमाम राजनीतिक दलों के नेता भी अब इस प्रकरण में बयानबाजी करने से पीछे नहीं रह रहे है और अपनी सियासी रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे है। लेकिन असल में वजूखाने में शिवलिंग है या फिर फव्वारा। इसको लेकर संस्पेंस बरकरार है। आपको बता दें कि बीते दिनों जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर में सर्वे कराया था तीन दिन तक चले इस सर्वे रिपोर्ट में कई साक्ष्य सामने आए थे।

बता दें कि अभी सर्वे की रिपोर्ट अदालत में है और हर किसी को कोर्ट के फैसले का इंतजार है। मगर इसी बीच काशी विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे स्थित काशी करवत मंदिर के महंत पंडित गणेश शंकर उपाध्याय की प्रतिक्रिया सामने आई है। जिसमें सर्वे के दावे को लेकर कुछ और ही बयां किया है। पंडित उपाध्याय ने दावा किया है कि ज्ञानवापी में शिवलिंग नहीं है, बल्कि फव्वारा ही है। उन्होंने ये भी कहा कि जैसा कि वो पिछले करीब 50 सालों से देखते हुए आ रहे हैं। इसके साथ ही गणेश शंकर उपाध्याय ने यह भी दावा किया हैं कि उन्होंने फव्वारे को चलते हुए कभी नहीं देखा। बता दें कि गणेश शंकर उपाध्याय ने यह बयान एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा।

उन्होंने बताया कि हम लोग कई बार उस आकृति के करीब गए। घंटों वहां समय बिताया। पंडित उपाध्याय ने यह भी बताया कि ज्ञानवापी परिसर के मौलवी या फिर सेवादार से हमारी बातचीत भी होती थीं। वहां की संरचना काफी पुरानी है। इस बारे में लोगों से पूछा भी गया था, तो इसे लेकर आतुरता भी देखने को मिलती थी। तो यह कहा गया कि यह फव्वारा है। लेकिन कभी उसको चलते हुए हम लोगों ने नहीं देखा।

विदित है कि सुप्रीम कोर्ट आदेश के उपरांत ज्ञानवापी प्रकरण में वाराणसी जनपद न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई संपन्न हो गई। अब मंगलवार को इस संदर्भ में फैसला आ सकता है।