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Freebies Debate: शिक्षा स्वास्थ्य पर खर्च को ‘मुफ्त’ कहने पर घिरे केजरीवाल, वित्त मंत्री ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा- सही तरीके से…

Freebies Debate: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भी विभिन्न दलों में ‘रेवड़ी’ (मुफ्त सौगात) बांटने जैसी लोकलुभावन घोषणाओं के चलन की आलोचना कर चुके हैं। हाल ही में इस ‘रेवड़ी’ को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि ये न केवल टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी है बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है जो कि भारत के आत्मनिर्भर बनने के अभियान के रास्ते में रुकावट भी पैदा करने का काम कर सकती है।

नई दिल्ली। बीते दिन बुधवार को ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए कई आरोप लगाए थे। सीएम केजरीवाल ने आरोप लगाते हुए कहा था, ‘सरकारी स्कूल बंद करने की बात हो रही है। फ्री इलाज बंद होना चाहिए ऐसा कहा जा रहा है, लेकिन ऐसे में गरीब पैसा कहां से लाएगा। सरकारी पैसा चंद लोगों पे उड़ाया तो देश कैसे चलेगा?’ अब देश में मुफ्त की रेवड़ी या सौगात पर छिड़ी बहस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी सक्रिय हो गई हैं। वित्त मंत्री ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए लोगों को मुफ्त में सौगात दिये जाने की चर्चा को ‘गलत मोड़’ देना आरोप लगाया है।

‘लोगों के मन में डर पैदा करने की हो रही कोशिश’

शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च को ‘मुफ्त’ बताए जानें के सीएम केजरीवाल के बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब देते हुए कहा कि वो लोगों को मुफ्त में दी जाने सौगात को गलत मोड दे रहे हैं। आप नेता (केजरीवाल) शिक्षा और स्वास्थ्य को इस मामले में शामिल करके एक तरह से लोगों के मन में भय पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, “दिल्ली के मुख्यमंत्री ने लोगों को मुफ्त में सौगात दिये जाने पर चर्चा को अनुचित मोड़ दिया है। स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च को कभी भी मुफ्त में दी जाने वाली चीजें नहीं कहा गया है।”

मुद्दे पर सही तरीके से हो बहस- वित्त मंत्री

इसके आगे सीतारमण ने कहा कि “देश की आजादी के बाद से भले ही किसी की भी सरकार क्यों न हो लेकिन कभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च को मुफ्त नहीं कहा गया। इन दोनों चीजों को मुफ्त की कैटेगरी में लाकर सीएम केजरीवाल गरीबों के मन में चिंता और डर की भावना को पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं।’ सीतारमण ने सीएम को सही तरह से बहस करने की सलाह भी दी और कहा कि इस मुद्दे पर सही तरीके से बहस होनी चाहिए और इसमें सभी को शामिल भी होना चाहिए।

पीएम मोदी भी कर चुके हैं ‘मुफ्त सौगातों’ की आलोचना

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र भी विभिन्न दलों में ‘रेवड़ी’ (मुफ्त सौगात) बांटने जैसी लोकलुभावन घोषणाओं के चलन की आलोचना कर चुके हैं। हाल ही में इस ‘रेवड़ी’ को लेकर पीएम मोदी ने कहा था कि ये न केवल टैक्सपेयर्स के पैसे की बर्बादी है बल्कि एक आर्थिक आपदा भी है जो कि भारत के आत्मनिर्भर बनने के अभियान के रास्ते में रुकावट भी पैदा करने का काम कर सकती है। पीएम मोदी के इस बयान को आम आदमी पार्टी (आप) जैसे दलों में मुफ्त में चीजें दिये जाने की घोषणा से जोड़कर देखा जा रहा था। ध्यान हो कि राजधानी दिल्ली के बाद पंजाब जैसे राज्यों में विधानसभा चुनाव में मुफ्त बिजली और पानी और अन्य चीजें देने का वादा किया गया था। ऐसे में अब देखना होगा कि मुफ्त रेवड़ी विवाद में और किन लोगों की एंट्री आने वाले वक्त में हमें देखने को मिलती है।