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Kerala: केरल के सीएम का CAA पर बड़ा बयान, अपने राज्य में इसे लागू करने से किया साफ इनकार और कहा…

Kerala: अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ समारोह के मौके पर पिनाराई विजयन ने कहा कि इस कानून को लेकर राज्य का रुख साफ है और ये आगे भी जारी रहेगा। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने इस बात को कहा है कि कानून लागू होना चाहिए लेकिन हम इस बात से सहमत नहीं हैं।

नई दिल्ली। देश में एक बार फिर विवादास्पद कानून नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लेकर सियासत गरमा सकती है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने एक बयान देकर विवाद को एक बार फिर हवा देने का काम किया है। उन्होंने अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर सरकार का रुख साफ है और कानून को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। इस बयान के बाद सियासी बवाल होना तय है। बता दें कि ये बयान केरल के मुख्यमंत्री ने सरकार की पहली वर्षगांठ समारोह के दौरान दिया।

केरल सरकार ने साफ किया अपना रूख

अपनी सरकार की पहली वर्षगांठ समारोह के मौके पर पिनाराई विजयन ने कहा कि इस कानून को लेकर राज्य का रुख साफ है और ये आगे भी जारी रहेगा। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने इस बात को कहा है कि कानून लागू होना चाहिए लेकिन हम इस बात से सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ये फैसला संवैधानिक सिद्धांतों के आधार पर लिया गया है किसी को भी अधिकार नहीं है कि धर्म के आधार पर लोगों की नागरिकता तय की जाए। देश में धर्मनिरपेक्षता को खत्म होती जा रही है।

अमित शाह ने कहा था- लागू किया कानून

बता दें कि पिछले महीने ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में कहा था कि कोविड -19 महामारी खत्म होने के बाद कानून लागू किया जाएगा। बता दें कि कांग्रेस के नेताओं ने अमित शाह से अपील की थी कि कानून को वापस लिया जाए। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा था कि देश में धर्म के आधार पर लोगों को बांटा ना जाए। उन्होंने 800 पाकिस्तानी हिंदुओं का हवाला देते हुए कहा कि भारत की नागरिकता नहीं मिलने की वजह से उन्हें देश छोड़ना पड़ा था। बता दें कि संविधान की तीन सूची है। केंद्र सूची, राज्य सूची, समवर्ती सूची। केंद्र सूची के कानून केंद्र सरकार बनाती है। राज्य सूची के राज्य। समवर्ती सूची के कानून केंद्र और राज्य दोनों बना सकते हैं। नागरिकता केंद्र सूची का विषय है। इसलिए कानून लागू होना तय है।