newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

अयोध्या में बोले आरिफ मोहम्मद खान- CAA बन जाने के बाद उसका पालन जरूरी

उन्होंने कहा, “केरल विधानसभा की नियमावली स्पष्ट है। जो विषय राज्य सरकार के अधीन नहीं नहीं आता, उस पर चर्चा नहीं हो सकती। ठीक इसी तरह कोर्ट जाने से पहले राज्यपाल के सामने फाइल पेश की जानी जरूरी है। मुझे इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई जो कि अनुचित है।”

अयोध्या। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश में चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, “कानून बन जाने के बाद उसका पालन जरूरी है।” डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में मंगलवार को ‘श्रीराम : वैश्विक सुशासन के प्रणेता’ विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान भी पहुंचे और उनके साथ प्रख्यात लेखक तारीक फतेह भी मौजूद रहे।

Arif Mohammad Khan in Ayodhya

राज्यपाल ने कहा, “देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह देश के संविधान का पालन करे और उसका सम्मान करे। कानून को चुनौती देने के लिए आप कोर्ट जा सकते हैं, पर यह नहीं कह सकते कि संसद द्वारा बनाए गए कानून को लागू नहीं करेंगे। अगर ऐसा किया जाता है कि तो गलत है। सीएए कानून बन जाने के बाद इसका पालन जरूरी है।”

उन्होंने कहा, “केरल विधानसभा की नियमावली स्पष्ट है। जो विषय राज्य सरकार के अधीन नहीं नहीं आता, उस पर चर्चा नहीं हो सकती। ठीक इसी तरह कोर्ट जाने से पहले राज्यपाल के सामने फाइल पेश की जानी जरूरी है। मुझे इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई जो कि अनुचित है।”

Arif Mohammad Khan in Ayodhya

राज्यपाल ने कहा कि ऐसे किसी भी विषय में, जहां राज्य सरकार व केंद्र सरकार के रिश्तों का मामला या सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट से संबंध का मामला हो, वहां बिना राज्यपाल के संज्ञान में लाए बिना फैसला नहीं लिया जा सकता। कानून बिल्कुल इसकी इजाजत नहीं देते। राज्यपाल का एक ही काम होता है, यह देखना कि सरकार संविधान और कानून के अनुरूप चल रही है या नहीं।

विचारक व लेखक तारिक फतेह ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण से हिंदुओं और मुस्लिमों का तलाक खत्म होगा। उन्होंने इशारों में इतिहास के पुनर्लेखन की वकालत करते हुए कहा, तमाम ऐसे राजा और शासक हुए, जिन्होंने आक्रमणकारियों को खदेड़ा, लेकिन उनके बारे में युवा नहीं जानते।

Arif Mohammad Khan

उन्होंने भारतीयों की चिरपरिचित उदारता की कमजोरियों के साथ इसकी खूबियों का भी उल्लेख किया और कहा कि इस देश के प्रति मुस्लिमों का जो सुलूक रहा है, उसके चलते उन्हें मतदान तक का अधिकार न मिलता, पर शुक्र है कि वे हिंदुस्तान में हैं। तारिक ने इस्लामिक आक्रांताओं की बर्बरता और उसके बाद भारत की अस्मिता को चोट पहुंचाने के लिए मुस्लिमों को माफी मांगने की सलाह दी और कहा कि उन्हें तभी इंसाफ मिलेगा, जब वे अपने पूर्वजों के गुनाह न कुबूल कर लें।