क्या सुलझेगी किसान और सरकार के बीच की खींचतान, 29 दिसंबर को दोनों होंगे आमने-सामने

Kisan Andolan: संयुक्त किसान मोर्चा(Union Kisan Morcha) ने सरकार के नाम एक पत्र लिखा, जिसमें कहा कि, ’24 दिसंबर को आपका पत्र प्राप्‍त हुआ। लेकिन इस पत्र को पढ़कर अफसोस हुआ कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है।

Avatar Written by: December 26, 2020 5:58 pm
Yogendra Yadav

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान संगठनों के प्रदर्शन को एक महीने से अधिक समय हो गया है। ऐसे में सरकार की तरफ से पहले ही साफ कर दिया गया है कि, केंद्र सरकार विरोध कर रहे किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार है, बातचीत कब करनी है किसान संगठन सरकार से बताएं। ऐसे में किसान यूनियनों की शनिवार को एक बैठक हुई जिसमें ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए फैसला लिया गया। बता दें कि सरकार के प्रस्‍ताव पर विचार करने के लिए हुई संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) बैठक में फैसला किया गया 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे केंद्र के साथ वार्ता होगी। इस प्रस्तावित बैठक में केंद्र के साथ बातचीत कर किसान कानूनों पर फिर से समाधान खोजा जाएगा।

Yogendra Yadav letter

स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि, “हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर ये प्रस्ताव रख रहे हैं कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।” उन्होंने कहा कि, बैठक का एजेंडा ये हो और इस क्रम में हो- तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए अपनाई जाने वाली क्रियाविधि, सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए स्वामीनाथन कमीशन द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी पर खरीद की कानूनी गांरटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।

Farmer Agenda

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के नाम एक पत्र लिखा, जिसमें कहा कि, ’24 दिसंबर को आपका पत्र प्राप्‍त हुआ। लेकिन इस पत्र को पढ़कर अफसोस हुआ कि इस चिठ्ठी में भी सरकार ने पिछली बैठकों के तथ्यों को छिपाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश की है। हमने अपनी तरफ से हर वार्ता में केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। सरकार ने इसे तोड़-मरोड़ कर ऐसे पेश किया, मानो हमने इन कानूनों में संशोधन की मांग की थी। सरकार की चिट्ठी के जवाब किसान मोर्चा ने लिखा कि, आप अपनी चिठ्ठी में कहते हैं कि सरकार किसानों की बात को आदरपूर्वक सुनना चाहती है। अगर वाकई ऐसा है तो सबसे पहले वार्ता में हमने क्या मुद्दे कैसे उठाए हैं, इसके बारे में गलतबयानी ना करें और पूरे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करें।’

चिट्ठी में आगे लिखा गया है कि,  ‘बहरहाल, चूंकि आप कहते हैं कि सरकार किसानों की सुविधा के समय और किसानों द्वारा चुने मुद्दों पर वार्ता करने को तैयार है, इसलिए हम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सभी संगठनों से बातचीत कर निम्नलिखित प्रस्ताव रख रहे हैं। हमारा प्रस्ताव यह है कि किसानों के प्रतिनिधियों और भारत सरकार के बीच अगली बैठक 29 दिसंबर 2020 को सुबह 11 बजे आयोजित की जाए।’

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