RPN Singh: कांग्रेस से बीजेपी तक का यूं रहा आरपीएन सिंह का सफर, पिता भी थे कद्दावर नेता
RPN Singh : अब जिस पार्टी में रहकर उन्होंने अपने सियासी जीवन में इतना सब कुछ हासिल किया है, उसे चुनाव से ऐन वक्त पहले अलविदा कह जाना सियासी पंडितों को कुछ हजम नहीं हो रहा है।
नई दिल्ली। यकीनन, यह स्थिति कांग्रेस के लिए किसी सदमे से कम नहीं है कि अभी कल ही जिस शख्स का नाम बतौर स्टार प्रचारक हमने अपनी सूची में दर्ज किया था, आखिर वो हमें छोड़कर कैसे जा सकता है। अभी जिस शख्स को हम बतौर स्टार प्रचारक यूपी के चुनावी समर में उतारने वाले थे, आखिर वो हमें इस तरह कैसे छोड़कर जा सकता है। जी हां… बिल्कुल…सही पढ़ा आपने…कांग्रेस के कद्दावर नेताओं की फेहरिस्त में शुमार आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद सियासी गलियारों में कुछ ऐसी चर्चाएं चल रहीं हैं। ये वही आरपीएन सिंह हैं, जो संप्रग सरकार में गृह मंत्री के पद पर रहे और उत्तर प्रदेश समेत कई सूबों के चुनावी प्रभारी भी थें। पिता सीपीएन सिंह की हत्या के बाद राजनीति में आए और लगातार तीन बार विधायक रहे। आरपीएन सिंह कांग्रेस के कद्दावर और वफादार नेताओं में शुमार थे। वे पूर्वांचल कस्बे में कांग्रेस का बड़ा चेहरा थे।
वर्ष 1996 से 2009 तक विधायक रहने के बाद कुशीनगर सीट से सांसद भी रहे। आरपीएन सिंह पडरौना सीट से भी विधायक रहे थे। 1996 , 2002 और 2007 में लगातार तीन बार पडरौना विधानसभा से कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे। 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लडे और तत्कालीन बीएसपी सरकार के दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को हराकर सांसद बने। 2011 की कांग्रेस सरकार में केंद्रीय पेट्रोलियम एवम प्राकृतिक गैस मंत्री राज्य मंत्री रहे। 2012 में केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग और कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री रहे। 2013 से 2014 तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रहे। इसके अलावा वे कांग्रेस में रहते हुए कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके थे। मसलन, 1997 से 1999 तक उत्तर प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। 2003 से 2006 तक AICC के सचिव रहे। वर्तमान में वे झारखंड से कांग्रेस के सचिव थे।
अब जिस पार्टी में रहकर उन्होंने अपने सियासी जीवन में इतना सब कुछ हासिल किया है, उसे चुनाव से ऐन वक्त पहले अलविदा कह जाना सियासी पंडितों को कुछ हजम नहीं हो रहा है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, वे कुछ दिनों से सियासी रूप से निष्क्रिय थे। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी, तभी से इस बात के कयास तेज हो गए थे कि वे आने वाले दिनों में कांग्रेस में सियासी भूचाल ला सकते हैं और आज हुआ भी कुछ ऐसा ही। आइए, आगे उनकी सियासी जिंदगी की कुछ अहम पड़ावों से परिचित हो लेते हैं।
आरपीएन सिंह का व्यक्तिगत जीवन
आरपीएन सिंह जन्म 25 अप्रैल 1964 को दिल्ली में हुआ था। वे कुशीनगर के क्षेत्रिय परिवार से आते हैं। 2002 में इन्होंने मशहूर पत्रकार सोनिया सिंह से शादी की थी। इनकी तीन बेटियां हैं। आरपीएन सिंह के पिता सीपीएन सिंह भी कुशीनगर से सांसद थे। वे इंदिरा गांधी की सरकार में रक्षा मंत्री भी थे। अब जब उन्होंने कांग्रेस से अलहदा होकर बीजेपी का दामन थाम लिया है, तो अब ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट दे सकती है।