महाराष्ट्र की राजनीति पर ललचाए मन से ओवैसी की नजर, उद्धव और शिंदे के बीच छिड़ी रार पर कह दी अपने दिल की बात

वहीं, खबर यह भी है कि कल रात ही देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे से मुलाकात की है। जहां कथित तौर पर दोनों के बीच राज्य में सरकार बनाने हेतु वार्ता हुई है। इस दौरान अमित शाह के भी मौजूद होने की खबर सामने आई है, लेकिन इसमें कितनी सत्यता है। इस पर मुहर लगाने से गुरेज किया जा रहा है।

सचिन कुमार Written by: June 25, 2022 9:56 pm
asaduddin owaisi

नई दिल्ली।  महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन नए-नए मोड़ सामने आ रहे हैं। शिकनाथ शिंदे के बगावती तेवर ने पिछले पांच दिनों से सीएम उद्धव ठाकरे की नींद उड़ाकर रख दी है। अब नौबत शिवसेना के दो फाड़ होने तक आ चुकी है। अब ऐसे में बहस इस बात को लेकर छिड़ चुकी है कि आखिर असली शिवसेना किसकी है? बहरहाल, खुद को असली बताने की होड़ दोनों ही गुटों की ओर से जारी है। वहीं, उद्धव ने खुद को असली शिवसेना बताने के लिए चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का ऐलान भी कर दिया है।

वहीं, खबर यह भी है कि कल रात ही देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे से मुलाकात की है। जहां कथित तौर पर दोनों के बीच राज्य में सरकार बनाने हेतु वार्ता हुई है। इस दौरान अमित शाह के भी मौजूद होने की खबर सामने आई है, लेकिन इसमें कितनी सत्यता है। इस पर मुहर लगाने से गुरेज किया जा रहा है। उधर, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच सियासी बिरदारी से जुड़े मुख्तलिफ नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। अब इसी लगे हाथों एआईएमआईएम प्रमुख  असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपने दिल की बात कह दी। आइए, आपको आगे कि रिपोर्ट में बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है?

Owaisi

जानें ओवैसी ने क्या कहा

दरअसल, ओवैसी से महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि, ‘मुझे इसके बारे में कुछ भी नहीं बोलना है। यह महाविकास अघाड़ी सरकार का आंतरिक मसला है। वह देखे और फैसला करे’। ओवैसी ने आगे कहा कि, ‘हम महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक उथल-पुथल पर करीब से हमारी निगाहें हैं। हम देख रहे हैं कि कैसे वहां बंदरों का नाच हो रहा है और एक झाड़ से दूसरे झाड़ पर लोग कूद रहा है। कोई इस पेड़ से उस पेड़ पर आ रहा है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि मैं देख रहा हूं तमाशा’। बहरहाल, अब महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक खींचतान क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। फिलहाल इस राजनीतिक विद्रोह के फलस्वरूप दोनों ही राजनीतिक गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई देखने को मिल रही है।