WB: जानिए, क्यों हाईकोर्ट ने TMC के अवैध कार्यालय को दिया गिराने का आदेश
गत दिनों इस संदर्भ में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि ठाकुर के महार्षि के कुछ भवनों के साथ छेड़छाड़ कर उसे पार्टी कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से अनैतिक है।
नई दिल्ली। कोलकाता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने जोरासांको ठाकुर बाड़ी में स्थित टीएमसी के अवैध रूप से बने कार्यालय को ध्वस्त करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यूनिवर्सिटी की हेरिटेज कमेटी महर्षि भवन के पुराने स्वरूप को वापस लाएगी। बता दें कि हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से इस बात को सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी के जोरासांको परिसर में स्थित विरासत से छेड़छाड़ ना की जाए।
गत दिनों इस संदर्भ में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि ठाकुर के महार्षि के कुछ भवनों के साथ छेड़छाड़ कर उसे पार्टी कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से अनैतिक है। आपको बता दें कि महार्षि भवन के बारे में बताया जाता है कि वहां रविंद्र नाथ टैगोर का बचपन बीता है। जहां अब टीएमसी द्वारा पार्टी कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
बहरहाल, अब जब कोर्ट ने इसे ध्वस्त करने का आदेश दे दिया है, तो ऐसी स्थिति में यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि वर्तमान में वर्तमान में, जोरासांको का एक हिस्सा एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में उपयोग किया जाता है। यही से कभी नेता अपने आंदोलन का शंखनाद किया करते थे।