नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर तथा चार अन्य को दोषी करार दिया है। दुष्कर्म पीड़िता के पिता की मौत नौ अप्रैल, 2018 को पुलिस हिरासत में हो गई थी। सेंगर ने 2017 में कथित रूप से महिला का अपहरण कर दुष्कर्म किया था, जब वह नाबालिग थी।
कोर्ट ने पिछले साल 20 दिसंबर को सेंगर को लड़की के दुष्कर्म के आरोप में जेल भेज दिया था। दुष्कर्म की शिकायत हालांकि तब दर्ज की गई थी जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित आधिकारिक आवास के बाहर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। सेंगर के भाई अतुल सेंगर ने पीड़िता के पिता की पिटाई की थी, जिसके बाद पीड़िता ने यह कदम उठाया था।
जुलाई 2018 में दाखिल आरोप पत्र के अनुसार, पीड़िता के पिता अपने एक साथी के साथ गांव लौट रहे थे, और उसी दौरान शशि प्रताप सिंह नामक एक व्यक्ति ने उनसे लिफ्ट मांगा। लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया, जिसके बाद दोनों पक्षों में विवाद हो गया।
Delhi’s Tis Hazari Court holds guilty the 7 accused including expelled BJP MLA Kuldeep Singh Senger (who is already convicted in rape case) for the custodial death of Unnao rape victim’s father; 4 other acquitted by the Court pic.twitter.com/XJtEw9UDQV
— ANI (@ANI) March 4, 2020
इसके बाद सिंह ने अपने साथियों को बुलाया, जिनमें सेंगर का भाई अतुल भी था। इन लोगों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटा। इसके बाद गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्हें अस्पताल ले जाने के बजाय पुलिस स्टेशन ले जाया गया और दो दिन बाद पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। पीड़िता के पिता की अतुल द्वारा पिटाई किए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यह मामला प्रकाश में आया।
इस मामले में कोर्ट ने इससे पहले सेंगर, उसके भाई, थाना प्रभारी अशोक सिंह भदौरिया, उप निरीक्षक कामता प्रसाद, कांस्टेबल आमिर खान और छह अन्य के खिलाफ आरोप लगाए थे। दुष्कर्म मामले में दोषी पाए जाने के बाद कुलदीप सिंह सेंगर को उत्तर प्रदेश विधानसभा से बर्खास्त कर दिया गया है।