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पीएम मोदी करें राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन, जल्द ही पत्र लिखकर भेजेंगे निमंत्रण : ट्रस्ट

विश्व हिंदू परिषद उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, आम भारतीय को भावनात्मक रूप से श्री रामलला मंदिर निर्माण के साथ जोड़ने के लिए तन-मन-धन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।

नई दिल्ली। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन को लेकर महंत कमल नयन दास ने कहा है कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द ही एक पत्र लिखकर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का निमंत्रण भेजेंगे। बता दें कि महंत कमल नयन दास श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी हैं।

Ram Mandir Trust

जानकारी के मुताबिक आने वाले एक दो दिन में इस भूमि पूजन को लेकर पीएम मोदी को ट्रस्ट की तरफ से पत्र भेजा जाएगा। महंत कमल नयन दास ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास, सोमवार या मंगलवार को पीएम मोदी को निमंत्रण पत्र भेजेंगे। उन्होंने कहा कि हम लोग सावन मास के दौरान ही राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन कराना चाहते हैं। इसलिए हमारी चाहत है कि राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों हो।

Ram mandir Trust Modi

रविवार को अयोध्या के दौरे पर गे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर निर्माण से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास से मुलाकात की थी। दोनों के बीच कुछ चर्चा भी हुई। इस मौके पर उन्होंने राम जन्मभूमि स्थल पर जाकर रामलला के भी दर्शन किए। साथ ही मंदिर के निर्माण कार्यों का भी जायजा लिया।

राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में आम भारतीयों की भूमिका को लेकर भी रणनीति बनाई है। यानी लोग आर्थिक और शारीरिक सहयोग से राम मंदिर बनाएंगे। विश्व हिंदू परिषद ने तय किया है कि एक बार कोरोना संकट टल जाए फिर कारसेवा भी होगी और जनता चंदा भी देगी।

Champat rai

विश्व हिंदू परिषद उपाध्यक्ष और श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय के मुताबिक, आम भारतीय को भावनात्मक रूप से श्री रामलला मंदिर निर्माण के साथ जोड़ने के लिए तन-मन-धन से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। आम श्रद्धालु जनता को भावनात्मक रूप से इस ऐतिहासिक कार्य के साथ जोड़ने के लिए यह निर्णय लिया गया कि हर भारतीय दस रुपए का सहयोग करे, ताकि सबकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।