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लॉकडाउन के बीच भारतीयों में फैले कोरोना महामारी के भय को लेकर हुए सर्वे में हुआ ये खुलासा

वर्तमान में जब सरकार कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों को घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भयभीत नहीं होने के लिए कह रही है, तो ऐसे समय में निश्चित तौर पर यह केंद्र के लिए राहत वाली खबर है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को लेकर देशवासियों में भय पैदा न हो इसको लेकर कड़ी मेहनत कर रहे केंद्र के लिए एक राहत की खबर है, वर्तमान समय में महामारी को लेकर देश में लोगों के बीच डर कम हुआ है। आईएएनएस/सी-वोटर के सर्वे में यह बात सामने आई है। इसका अर्थ है कि लोग एक सप्ताह पहले की तुलना में अब कोविड-19 संक्रमण को लेकर कम भयभीत हैं।

Corona police

खुद या परिजन के कोविड-19 से संक्रमित होने के सावल के जवाब में अब 39.3 प्रतिशत लोगों ने मजबूती के साथ कहा है कि उन्हें ऐसा नहीं लगता, जबकि 14.3 प्रतिशत ने संक्रमण के प्रकोप को लेकर इनकार किया। साथ में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत उत्तरदाता के बैरियर को पार करता है। हालांकि, 30.1 प्रतिशत लोगों ने मजबूती के साथ कहा कि उन्हें और उनके परिजनों को संक्रमण का खतरा है, जबकि 13.3 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने न डरे होने की बात से इनकार करते हुए कहा कि वह भय में हैं। वहीं 2.9 प्रतिशत ने कहा कि वह इस बार में कुछ कह नहीं सकते हैं।

Coronavirus

पिछले हफ्ते डर होने की बात से असहमत होने वाले लोगों की संख्या 31.5 प्रतिशत थी। दूसरे शब्दों में, पिछले हफ्ते 31.5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा था कि वे वायरस से बिल्कुल भी भयभीत नहीं है। इस हफ्ते इस संख्या में 7.8 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

वर्तमान में जब सरकार कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लोगों को घरों में रहकर सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने और भयभीत नहीं होने के लिए कह रही है, तो ऐसे समय में निश्चित तौर पर यह केंद्र के लिए राहत वाली खबर है।

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आईएएनएस सी-वोटर कोविड ट्रैकर फाइंडिंग एंड प्रोजेक्शन सीएटीआई पर एक दैनिक ट्रैकिंग पोल पर आधारित हैं। यह देशभर में 18 वर्ष या इससे अधिक आयु के वयस्कों के बीच पिछले सात दिनों के दौरान आयोजित किया गया है। सर्वे पिछले सात दिनों के दौरान सभी राज्यों के विधानसभा क्षेत्रों से रेंडम प्रोबेबिलिटी सैंपलिंग द्वारा जुटाई गई जानकारी पर आधारित है। नमूना का आकार 1,114 है और सर्वेक्षण 4 से 6 अप्रैल के बीच किया गया था।