लोकसभा में ओवैसी पर बरसे शाह, कहा- सरकारी अफसरों को हिन्दू-मुस्लिम में बांटने से विकास कैसे होगा?

Loksabha Amit Shah: लोकसभा में अमित शाह(Amit Shah) ने कांग्रेस(Congress) और ओवैसी(Owaisi) पर निशाना साधते हुए कहा, “ओवैसी जी इसको हिन्दू मुस्लिम बना रहे हैं। क्या हम देश के सरकारी अफसरों को भी हिन्दू मुस्लिम में बांटेंगे? इससे विकास कैसे होगा।

Avatar Written by: February 13, 2021 3:23 pm
Amit shah angry

नई दिल्ली। शनिवार को लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर कैडर रेऑर्गेनाइजेशन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर जमकर निशान साधा। उन्होंने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2021 का जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने से कोई लेना-देना नहीं है, जब सही समय आएगा तो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा। अमित शाह ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर के मामले किसी मुद्दे पर विरोध है तो करें लेकिन इसपर राजनीति न करें। धारा 370 को हटाने का मुद्दा अदालत में है। लंबी बहस के बाद इसे 5 जजों की बेंच को सौंप दिया। मगर ध्यान रहे कि इस कानून पर रोक नहीं लगाई है। अदालत में होने के कारण जम्मू कश्मीर का विकास नहीं रोक सकते। इस विधेयक का जम्मू कश्मीर को राज्य के दर्ज दिए जाने के मामले से कोई लेना देना नहीं है।’

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ओवैसी और कांग्रेस पर निशाना-

लोकसभा में अमित शाह ने कांग्रेस और ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा, “ओवैसी जी इसको हिन्दू मुस्लिम बना रहे हैं। क्या हम देश के सरकारी अफसरों को भी हिन्दू मुस्लिम में बांटेंगे? इससे विकास कैसे होगा। अधीर रंजन चौधरी हमसे 2G और 4G की बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो मोबाइल सेवाएं ही बरसों तक बंद रखी। हम पर दबाव की बात की जा रही है। जरा यह भी तो बताएं कि आखिर धारा 370 को इतने साल कितने किसके दबाव में चालू रखा। जो हमसे 17 महीने में अस्थाई तौर पर राज्य के दर्जे को निलम्बित करने पर सवाल उठा रहे हैं। वो बताएं कि 70 साल तक अस्थाई 370 को क्यों जारी रखा?’

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अमित शाह ने कहा कि, ‘AGMUT कैडर भी तो राज्य शामिल हैं। इसके आधार पर राज्य का दर्जा कश्मीर को नहीं मिलेगा। यदि स्कूल जला न दिए गए होते और बच्चों को मदरसे जाने को मजबूर न किया गया होता तो जम्मू कश्मीर के बच्चे भी बड़ी संख्या में आईएएस आईपीएस अधिकारी होते। हम उस गलती को सुधार रहे हैं। पंचायत के चुनावों ने साबित कर दिया है कि जो लोग धारा 370 हटाने का विरोध कर रहे थे उन्हें जनता ने साफ कर दिया है। उनको चुनाव में हरा दिया।’

लोकसभा में क्या कहा अमित शाह ने-

यहां कहा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे, उसका क्या हुआ? मैं उसका जवाब जरूर दूंगा। मगर अभी तो 370 को हटे हुए केवल 17 महीने हुए हैं, आपने 70 साल क्या किया उसका हिसाब लेकर आये हो क्या?

ये मामला कोर्ट में लंबी बहस के बाद , पांच जजों की बेंच के सुपुर्द किया गया है। अगर इस मामले में इतनी असंवैधानिकता होती तो, सर्वोच्च अदालत को पूरा अधिकार था कानून पर रोक लगाने का।

इस बिल में ऐसा कहीं भी नहीं लिखा है कि इससे जम्मू-कश्मीर को statehood नहीं मिलेगा। मैं फिर से कहता हूं कि इस बिल का जम्मू-कश्मीर के statehood से कोई संबंध नहीं है। उपयुक्त समय पर प्रदेश को statehood का दर्जा दिया जाएगा।

असदुद्दीन ओवैसी जी ने कहा कि 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है। उनको पता नहीं है कि ये यूपीए सरकार नहीं, जिसे वो समर्थन करते थे। ये नरेन्द मोदी जी की सरकार है, इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है।

औवेसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं। एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं।

हमारी सरकार आने के बाद जम्मू कश्मीर में पंचायती राज की शुरुआत हुई है। पहले जम्मू कश्मीर में तीन लोग परिवार के लोग ही शासन कर रहे थे, इसलिए वो अनुच्छेद 370 के पक्ष में रहते थे।

क्या कश्मीरी युवा को देश की ऑल इंडिया कैडर में आने का अधिकार नहीं है? अगर स्कूल न जलाए होते तो कश्मीर के बच्चे भी आज IAS और IPS बने होते।

दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74% लोगों ने मतदान किया। कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था।

वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए। अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे।

जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है। पंचायतों को सुदृढ़ किया है। प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है। करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है।

हमने जम्मू कश्मीर में 50,000 परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है। 10,000 युवाओं को रोजगार योजना में कवर किया है। 6,000 नए कार्य शुरु किए। मेरा शहर-मेरा गौरव के तहत शहरी विकास के कार्य किए गए हैं।

प्रधानमंत्री विकास पैकेज पीएम योजना की जो घोषणा हुई , उसका पुनर्निर्माण और मेगा विकास का जो पैकेज था, इसके तहत 58,627 करोड़ रुपये परिव्यय की 54 योजनाएं थी और उसे लगभग 26% और बढ़ाया गया है।

आईआईटी जम्मू ने अपने परिसर में शिक्षण शुरु कर दिया है। दोनों एम्स का निर्माण कार्य शुरु हो गया है। 8.45 किमी बनिहाल सुरंग को इस साल खोलने की योजना है। 2022 तक हम कश्मीर घाटी को रेलवे से जोड़ने का काम भी करने वाले हैं।

54 में से 20 परियोजनायें, जिनमें से 7 केंद्रीय और 13 संघ राज्य की थी, ये काफी हद तक पूरी हो चुकी है और बाकी 8 परियोजनाएं मार्च के अंत तक पूरी हो जाएगी । यानी 54 में से 28 परियोजनाओं को काम हमने पूरा कर दिया है।

जबसे राष्ट्रपति शासन मिला तबसे लगभग हर घर को बिजली देने का काम पूरा हो गया है। उज्ज्वला योजना के तहत 12,60,685 माताओं को गैस का सिलेंडर देने का काम हमने पूरा कर दिया है।

जम्मू कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है

75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।

जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी। 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे।

Back to Village कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर बैंक को 15,000 छोटे छोटे ऋण के मामले दिए गए हैं। मुझे बताते हुए आनंद है कि इनमें से लगभग 4600 महिला सहित 13,000 मामलों को ऋण देने का काम भी पूरा कर लिया गया है, वो अपनी छोटी छोटी इकाइयां स्थापित कर रहे हैं।

44,000 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को जिनके पास राहत कार्ड है, उन्हें 13,000 रुपये प्रति महीने सरकार देती है। निशुल्क राशन देते हैं।

ये हमारे समय में विस्थापित नहीं हुए। कांग्रेस इन्हें सुरक्षा नहीं दे पाई, इसलिए ये विस्थापित हुए। 3000 नौकरियां दे दी गईं हैं। 6,000 लोगों को कश्मीर घाटी में 2022 तक घर देकर हम बसा देंगे।

जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा हम न बनाएं। बहुत सारी चीजें हैं राजनीति करने के लिए। मगर ये देश का संवेदनशील हिस्सा है, उनको कई घाव लगे हैं। उनको मरहम लगाना हमारा काम है।

अनुच्छेद 370 जाने के बाद जम्मू कश्मीर में किसी के साथ भी अन्याय हो, ऐसी आशंका को ही समाप्त कर दिया गया है। 2014-15 से 2019 तक 4,164 करोड़ रुपये की राशि लद्दाख में भेजी गई है। 31-10-2019 से 31-03-2020 तक 3,518 करोड़ रुपये हम लद्दाख के लिए भेज चुके हैं।

मैं फिर से जम्मू कश्मीर के लोगों से वादा करता हूं कि पूर्ण राज्य का स्टेटस आपको निश्चित मिलेगा। आपके राज्य का विकास जो अटक गया है, उसे पटरी पर चढ़ाकर पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर वापस देंगे।