अगर त्रिशंकु रही 17वीं लोकसभा, तो किंगमेकर साबित होगी ये तिकड़ी
लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण के लिए रविवार को मतदान होगा। चूंकि सियासी जानकार यही दावा कर रहे है कि मोदी सरकार को बहुत मिल पाना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में केंद्र में सरकार के गठन को लेकर देश के तीन अलग-अलग राज्यों के तीन बड़े नेता किंगमेकर साबित हो सकते हैं।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के छठे चरण के लिए रविवार को मतदान होगा। चूंकि सियासी जानकार यही दावा कर रहे है कि मोदी सरकार को बहुत मिल पाना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में केंद्र में सरकार के गठन को लेकर देश के तीन अलग-अलग राज्यों के तीन बड़े नेता किंगमेकर साबित हो सकते हैं।
इस बार के लोकसभा चुनाव में ज्यादातर राजनीतिक दल यूपीए या एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं, बाकी जो इनके साथ नहीं लड़ रहे हैं उनके तेवरों से पता लगाया जा सकता है कि वे चुनाव नतीजे आने और त्रिशंकु लोकसभा होने पर किस पाले में जाएंगे।
हालांकि ओडिशा के मुख्यमंत्री और बीजेडी प्रमुख नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम व टीआरएस प्रमुख केसीआर और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगन मोहन रेड्डी की तो इन नेताओं ने अपने इरादे जाहिर नहीं किए हैं। ऐसे में इन दलों की तिकड़ी पर ही सबकी निगाहें होंगी।
बता दें कि ओडिशा में 21, आंध्र प्रदेश में 25 और तेलंगाना में 17 सीटें हैं। इस तरह से इन तीनों राज्यों से कुल मिलाकर 63 सांसद लोकसभा पहुंचते हैं। इस बार के चुनाव में ओडिशा में बीजेडी, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना में टीआरएस अकेले चुनाव लड़ रही हैं।
2014 के चुनाव नतीजों को देखें तो बीजेडी 20, वाईएसआर कांग्रेस 9 तो टीआरएस 11 सीटें जीतने में सफल रही थी। यानी तीनों दलों ने कुल 63 में से 40 सीटें जीती थीं। इस बार के चुनाव में टीआरएस ने तेलंगाना में तो वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाया है, वहीं ओडिशा में बीजेडी की स्थिति कमोबेश वही बनी हुई है।
जगन मोहन रेड्डी
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी और जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है। सूबे में दोनों पार्टियां बिना किसी गठबंधन के चुनाव मैदान में उतरी। हालांकि कांग्रेस और बीजेपी भी यहां चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन मुख्य लड़ाई जगन रेड्डी और नायडू के बीच मानी जा रही है।
नवीन पटनायक
ओडिशा में नवीन पटनायक की बीजेडी अकेले चुनाव मैदान में है। यहां बीजेडी का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस दोनों से है। बीजेडी ने अपने गठन से लेकर अभी तक कांग्रेस को कभी समर्थन नहीं किया है जबकि बीजेपी के साथ मिलकर वह चुनाव लड़ चुकी है और सरकार में भी दोनों पार्टियां साथ रह चुकी हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा की 21 में से 20 सीटें बीजेडी जीतने में सफल रही थी. मोदी सरकार कई मौकों पर नवीन पटनायक के साथ खड़ी नजर आई है।
के चंद्रशेखर राव
तेलंगाना में के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस अकेले चुनावी मैदान में है, जिसका बीजेपी और कांग्रेस से सीधा मुकाबला है। पांच चरण की वोटिंग के बाद केसीआर गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी सरकार के गठन की कवायद में जुट गए हैं। उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता पिनरई विजयन से मुलाकात करके राजनीतिक हालात पर चर्चा की है।