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मध्य प्रदेश सरकार का बड़ा ऐलान, निजी चिकित्साकर्मियों का भी 50 लाख का होगा बीमा

मध्य प्रदेश में निजी चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों का भी कोरोनावायरस संकट काल में शासकीय चिकित्सा कर्मियों की तरह 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा।

भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की लड़ाई में सीधे रूप से लगे निजी चिकित्सकों एवं चिकित्सा कर्मियों का भी शासकीय चिकित्सा कर्मियों की तरह 50 लाख रुपये का बीमा कराया जाएगा। यह ऐलान शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया।

BJP leader Shivraj Singh Chouhan

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए निजी चिकित्सकों को कोरोना संक्रमण की इस लड़ाई में उनके हौसले एवं सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने निजी चिकित्सा कर्मियों का भी सरकारी चिकित्सा कर्मियों की तरह 50 लाख का बीमा किए जाने का वादा किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को टेलीमेडिसिन व्यवस्था बनाने के लिए टेलीफोन पर डक्टर्स के मोबाइल नंबर एवं टेलीफोन नंबर की सूची तैयार रखने के निर्देश दिए। चौहान ने कहा कि डाक्टर स्वयं रैपिड टेस्ट किट खरीद सकेंगे। स्वास्थ्य विभाग उसकी प्रामाणिकता की जांच करेगा।

उन्होंने कहा कि कोविड और नन कोविड-19 के लिए अलग-अलग चिकित्सालय रहेंगे। डक्टर द्वारा पीपीई किट की मांग किए जाने पर उन्होंने कहा कि पहले यह किट भारत सरकार से बनवाई जा रही थी, परंतु अब इस किट का निर्माण प्रदेश में ही पीथमपुर के साथ बुधनी में भी प्रारंभ हो चुका है। मांग एवं उपलब्धता के आधार पर सूचीबद्घ कर स्वास्थ्य विभाग इसकी आपूर्ति करेगा।

डा़ प्रद्युम्न पांडे द्वारा संक्रमण से ग्रसित मरीज की मृत्यु होने के बाद उसकी रिपोर्ट आने तक डेड बॉडी मर्चुरी में रखे जाने की परेशानी बताने पर उन्हें बताया गया कि अब इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है। मृत व्यक्ति के रिपोर्ट आने का इंतजार न करते हुए उसका अंतिम संस्कार किया जा सकता है।