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Uddhav Thakerey Vs Eknath Shinde: महाराष्ट्र की जनता की नजर में असली शिवसेना उद्धव ठाकरे या एकनाथ शिंदे की?, जानिए विधानसभा चुनाव में वोटों के रुझान क्या बता रहे

Uddhav Thakerey Vs Eknath Shinde: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के जो शुरुआती रुझान आ रहे हैं, उससे संकेत मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र की जनता की नजर में असली शिवसेना कौन है? महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ मिलकर लड़ा है।

मुंबई। उद्धव ठाकरे, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी लगातार ये आरोप लगाते रहे हैं कि एकनाथ शिंदे और उनके साथी विधायकों ने शिवसेना को उनसे चुरा लिया। शरद पवार के करीबी नेता जितेंद्र आव्हाड ने तो बीते दिनों ये तक कह दिया था कि एकनाथ शिंदे के गुट ने पॉकेटमारी की। अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के जो शुरुआती रुझान आ रहे हैं, उससे संकेत मिल रहे हैं कि महाराष्ट्र की जनता की नजर में असली शिवसेना कौन है? इन रुझानों के मुताबिक उद्धव ठाकरे की शिवसेना को महाराष्ट्र की जनता असली मानती नहीं दिख रही है।

uddhav thakre

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की वोटों की गिनती हो रही है। खबर लिखे जाने तक उद्धव ठाकरे की शिवसेना से एकनाथ शिंदे की शिवसेना काफी आगे निकली दिख रही है। ये उद्धव ठाकरे के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। उद्धव ठाकरे और उनके साथी दलों के नैरेटिव को महाराष्ट्र की जनता पूरी तरह नकारती दिख रही है। अगर यही रुझान अंतिम नतीजों में बदले, तो उद्धव ठाकरे और उनकी पार्टी के सामने अस्तित्व का बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। वहीं, एकनाथ शिंदे का गुट सीना तानकर कह सकेगा कि असली शिवसेना होने का हमारा दावा सही निकला है। हालांकि, शाम तक ही तय होगा कि नतीजे किसके हक में रहते हैं।

एकनाथ शिंदे ने साल 2022 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ 38 विधायकों के साथ बगावत की थी। एकनाथ शिंदे को बीजेपी ने समर्थन देकर सीएम बनवाया था और उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र के सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। एकनाथ शिंदे को ही चुनाव आयोग ने असली शिवसेना भी माना था और तीर-कमान का चुनाव चिन्ह भी दिया था। वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी को चुनाव आयोग ने मशाल चुनाव चिन्ह दिया था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे उद्धव ठाकरे और साथी दलों के लिए बड़ा झटका इसलिए भी हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव में इनके महाविकास अघाड़ी गठबंधन ने एकनाथ शिंदे, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी को जोरदार झटका देते हुए ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी।