नवी मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने बुधवार रात को नवी मुंबई के पनवेल से प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार लोगों में संगठन के 2 स्थानीय नेता भी हैं। इनकी गिरफ्तारी से साफ है कि पीएफआई अब भी को छिपाकर देशविरोधी गतिविधियों में जुटा हुआ है। पनवेल पुलिस के मुताबिक जानकारी मिली थी कि पीएफआई के लोग गुप्त मीटिंग कर रहे हैं। इस पर एटीएस ने वहां छापा मारा। पुलिस का कहना है कि ये चारों पीएफआई एक्सपेंशन की टीम से जुड़े हैं। इनका काम संगठन के लिए लोगों की भर्ती करना है।
बीते दिनों केंद्र सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके तमाम नेताओं को राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने 22 और 27 सितंबर को देशव्यापी छापे मारकर गिरफ्तार किया था। पीएफआई के बारे में पहले भी तमाम सनसनीखेज जानकारी मिल चुकी है। बिहार के फुलवारी शरीफ में पीएफआई के दो सदस्य पकड़े गए थे। उनके पास 8 पन्नों का दस्तावेज मिला था। इस दस्तावेज से भारत को साल 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाने के लिए साजिश रचने का खुलासा हुआ था। दस्तावेज में ये भी था कि दलितों को साथ लेकर पीएफआई ऐसा करेगा। इसके अलावा राजनीति और न्यायपालिका में भी घुसपैठ करने की साजिश रची गई थी।
पीएफआई मूल रूप से केरल का संगठन है। इस संगठन ने बीते कुछ साल में काफी प्रसार किया। सीएए कानून के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों में भी पीएफआई का हाथ होने के सबूत मिले थे। पीएफआई कार्यकर्ताओं ने केरल में एक प्रोफेसर का हाथ भी काट डाला था। सबसे पहले झारखंड सरकार ने इस संगठन पर बैन लगाया था। जिसके बाद से ही केंद्र सरकार से तमाम राज्य सरकारों ने पीएफआई को प्रतिबंधित करने की मांग की थी।