नई दिल्ली। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बिना चुनाव लड़े महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए, लेकिन वह अभी तक विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं बने हैं। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे की मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। दरअसल कोरोना महामारी के कारण राज्य में होने वाले एमएलसी चुनाव टाल दिए गए।
जिसके चलते कोरोनावायरस ने उनकी इस राह को और मुश्किल कर दिया था। ऐसे में राज्य की कैबिनेट ने उन्हें राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने को लेकर प्रस्ताव भेजने का फैसला किया है। राज्यपाल 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं।
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने गुरुवार को बताया, ‘आज की कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि राज्यपाल की ओर से मनोनीत किए जाने वाले 2 सदस्यों के खाली पदों में एक सीट के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम की सिपारिश की जाएगी। क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से अभी एमएलसी चुनाव नहीं हो सकते हैं। यह संवैधानिक संकट को टालने की वजह से किया जा रहा है।’
A decision was taken in today’s cabinet meeting to recommend CM Uddhav Thackeray’s name for the 2 vacant MLC posts that are recommended by Governor. As MLC elections can’t be held due to #COVID19, it is being done to avoid a constitutional crisis: Maharashtra Minister Nawab Malik pic.twitter.com/kIwkhaif5p
— ANI (@ANI) April 9, 2020
बता दें कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे वर्तमान में किसी भी सदन के नेता नहीं हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। ऐसे में उनके लिए पद ग्रहण करने के छह महीने के भीतर विधानसभा या फिर विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी है।