नई दिल्ली। अगर आप अल-सुबह अखबारों, शाम को न्यूज चैनलों और सफर के दौरान सोशल मीडिया पर तैरती खबरों पर निगाहबानी करने की शगल रखते हैं, तब तो आपको ये पता ही होगा कि बीते दिनों में दक्षिण दिल्ली नगर निगम के पार्षद मुकेश सुर्यान ने केजरीवाल सरकार को पत्र लिखकर नवरात्र के मौके पर मीट की दुकान को बंद कराने की मांग की थी। पत्र में कई बिंदुओं का जिक्र कर मीट की दुकानों को नवरात्र के मौके पर बंद काराने की मांग की गई थी, लेकिन अब इस पर राजनीति होना शुरू हो गई है। कुछ लोग पार्षद के इस कदम का विरोध कर रहे हैं, तो कुछ समर्थन कर रहे हैं। इसी कड़ी में टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा कि, ‘मैं दक्षिण दिल्ली में रहती हूं और भारत का संविधान मुझे इजाजत देता है कि मेरा जब मन करे मैं मीट खाऊं। ठीक उसी प्रकार से दुकानदारों को भी किसी भी समय पर मीट की दुकानों को खोलने की इजाजत है।
I live in South Delhi.
The Constitution allows me to eat meat when I like and the shopkeeper the freedom to run his trade.Full stop.
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 6, 2022
कोई शक नहीं है कि उन्होंने उक्त ट्वीट बीजेपी पार्षद के पत्र के जवाब में किया है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उक्त मामले में ट्वीट कर कहा कि, रमजान के दौरान हम सूर्यअस्त से लेकर सूर्यउदय तक हम कुछ भी नहीं खाते हैं। अगर हम गैर-मुस्लिम को पर्यटक स्थलों पर खान से रोक दे तो उचित रहेगा। खासतौर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में।
अगर दक्षिण दिल्ली की बहुसंख्यकों को ध्यान में रखते हुए उक्त फैसला उठाया गया है, तो फिर मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर के लिए भी सही रहेगा। अब इन दोनों ही राजनेताओं के उक्त ट्वीट पर अलग-अलग तरह से लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है।
During Ramzan we don’t eat between sunrise & sunset. I suppose it’s OK if we ban every non-Muslim resident or tourist from eating in public, especially in the Muslim dominated areas. If majoritarianism is right for South Delhi, it has to be right for J&K. https://t.co/G5VQylmMvB
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 5, 2022
बता दें कि मीट की दुकान बंद कराने के बाद बीजेपी पार्षद ने केजरीवाल सरकार से अब नवरात्रि के मौके पर शराब की राजधानी दिल्ली से शराब की दुकानों को बंद कराने का निर्देश दिया है। ध्यान रहे कि अभी इस पूरे मसले को लेकर राजनीति का सिलसिला शुरू हो चुका है। भारतीय राजनीति के कई नेता बीजेपी पार्षद के उक्त पत्र का विरोध कर रहे हैं , तो कुछ समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में बतौर पाठक आपका इस पूरे मसले पर क्या कुछ कहनै है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा।