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Presidential Election 2022: राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग से पहले ही ममता बनर्जी ने मान ली हार, द्रौपदी मुर्मू को लेकर कही ये बात

Presidential Election 2022: अपने हालिया बयान में ममता बनर्जी ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी मुर्मू का खुलकर समर्थन करते अगर बीजेपी ने उम्मीदवार को मैदान में उतारने से पहले नाम पर चर्चा की होती।

नई दिल्ली। देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गहमागहमी काफी तेज हो गई है। जहां एक तरफ एनडीए ने आदिवासी महिला नेता द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतार है।वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा मैदान में उतर चुके हैं। 24 जून को द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना नामांकन भी दाखिल कर चुकी हैं। अब विपक्ष भी इस बात को मानने लगा है कि दौपद्री मुर्मू ही राष्ट्रपति चुनाव जीत सकती हैं। हाल ही में  सपा सुप्रीमो मायावती ने इस बात को स्वीकारा था कि दौपद्री मुर्मू राष्ट्रपति पद के लिए सही उम्मीदवार हैं। उन्होंने खुलेआम दौपद्री मुर्मू के समर्थन का ऐलान किया। अब इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी दौपद्री मुर्मू का सपोर्ट किया है।

18 जुलाई को होने हैं चुनाव

अपने हालिया बयान में ममता बनर्जी ने कहा कि 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में द्रौपदी मुर्मू की जीत की संभावनाएं ज्यादा हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल भी मुर्मू का खुलकर समर्थन करते अगर बीजेपी ने उम्मीदवार को मैदान में उतारने से पहले नाम पर चर्चा की होती। ममता के इस बयान पर बीजेपी ने चुटकी ली है और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को भी निशाना बनाया है। बीजेपी के नेता अमित मालवीय ने बयान पर चुटकी लेते हुए कहा कि आदिवासी जनजातियों की जमीनों को जबरन हड़पने की कोशिशें करने के बाद अब ममता बनर्जी को लग रहा है कि उनकी पार्टी की छवि आदिवासी विरोधी हो रही है और वो ये सब अपनी छवि को सुधारने का काम कर रही हैं।

 टीएमसी का ही हिस्सा थे यशवंत सिन्हा

उन्हें सवाल करते हुए कहा कि क्या वो विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सपोर्ट नहीं करेंगी। बता दें कि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा टीएमसी का हिस्सा थे। बाद में ममता बनर्जी की कोशिशों के बाद ही उन्हें सभी दलों ने मिलकर  विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया। हालांकि ममता का बयान देखकर लगता है कि चुनाव से पहले ही उन्हीं की पार्टी के लोगों के सुर बदल गए हैं।