newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

WB: ममता के मंत्री ने रसूख का सहारा लेकर बिना इंटरव्यू के दिलवाई अपनी बेटी को नौकरी, अब CBI ने निकाली सारी हेकड़ी

West Bengal : दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट के जज गंगोपाध्याय ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें पूरा यकीन है कि बंगाल पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी के हाथ नहीं बंधे हैं, तो मामले की निष्पक्ष जांच होगी। अब इसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री से पूछताछ की जाएगी।

नई दिल्ली। सुनिए साहब…कहां जा रहे हैं…अब आ ही गए हैं…तो जरा ठहरिए…हम आपको एक बड़ी परेशान करने वाली खबर बताने जा रहे हैं…खबर है कि आजकल पश्चिम बंगाल में प्रतिभाशाली नहीं, बल्कि प्रभावशाली लोगों को नौकरी मिल रही है। इसका ताजा उदारहण पश्चिम बंगाल से सामने आया है, जहां पर शिक्षा मंत्री के बेटी को बिना इंटरव्यू दिए ही बतौर शिक्षिका नियुक्त कर लिया गया। मामला प्रकाश में आया तो घमासान मच गया। फिलहाल मसला कोर्ट की दहलीज पर दस्तक दे चुका है। जिसे लेकर आज कोर्ट ने क्या कुछ कहा है। आइए, हम आपको उसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

Calcutta High Court की ताज़ा खबरे हिन्दी में | ब्रेकिंग और लेटेस्ट न्यूज़  in Hindi - Zee News Hindi

दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट के जज गंगोपाध्याय ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें पूरा यकीन है कि बंगाल पुलिस और केंद्रीय जांच एजेंसी के हाथ नहीं बंधे हैं, तो मामले की निष्पक्ष जांच होगी। अब इसे लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री से पूछताछ की जाएगी। कोर्ट ने सीबीआई कार्यालय में शिक्षा मंत्री से रात आठ बजे तक हाजिर होने के लिए कहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मैरिट लिस्ट में पहला नाम वर्मन का था। लेकिन बाद में एसीसीसाई की वेबसाइट पर देखने के बाद पता चला कि वर्मन का नाम दूसरे स्थान पर चला गया और पहले स्थान पर मंत्री की बेटी का नाम सामने आ गया है। हालांकि, इस पूरे मसले को लेकर दूसरा एंगल भी सामने आ रहा है।

Calcutta High Court Over Post-election Violence- Bengal Government In  Denial Mode - चुनाव-बाद हिंसा से मुकर रही है पश्चिम बंगाल सरकार : कलकत्ता  हाईकोर्ट | India News In Hindi

दरअसल, वकील फिरदौस ने कहा कि हमारी शिकायत है कि मंत्री की बेटी का नाम सूची में भी दर्ज नहीं था। अधिकाधिक उम्मीदवार होने की वजह से मंत्री की बेटी का नाम दर्ज हो गया। वकील ने कहा कि वादी को अभी नियुक्त भी नहीं किया गया और न ही काउंसिलिंग के लिए बुलाया गया है। जांच में सामने आया है कि वादी का अंक मंत्री की बेटी की मंत्री के अंक से काफी अधिक थी। हद तो तब हो जाती है, जब बिना इंटरव्यू दिए ही मंत्री की बेटी की नियुक्ति कर दी जाती है। बहरहाल, अभी यह पूरा मसला कोर्ट में विचाराधीन है। सीबीआई जांच भी की जा रही है। अब ऐसी स्थिति में देखना होगा कि आगे चलकर यह पूरा मसला क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से  रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट. कॉम