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मन की बात में आखिर पीएम मोदी ने क्यों कहा कि रमजान में करें ज्यादा इबादत?

इतना ही नहीं पीएम मोदी ने रमजान के अलावा अक्षय तृतीया का भी जिक्र किया और इसका महत्व बताया। अक्षय तृतीया को लेकर उन्होंने बताया कि इसी दिन पांडवों को अक्षय पात्र मिला था, जिसमें भोजन कभी खत्म नहीं होता था।

नई दिल्ली। रविवार को पीएम मोदी ने अपने मन की बात में कहा कि, पूरे देश में गली मोहल्लों में, जगह जगह पर आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं। गरीबों के लिए खाने से लेकर राशन की व्यवस्था हो लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्वीपमेंट का देश में निर्माण हो-आज पूरा देश एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ साथ चल रहा है।

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इसके अलावा पीएम मोदी ने रमजान महीने को लेकर कहा कि, ‘रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो गया है। किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि रमजान में इतनी बड़ी मुसीबत होगी। लेकिन जब विश्व में मुसीबत आ ही गई है तो हमें इसे सेवाभाव की मिसाल देनी है। हम पहले से ज्यादा इबादत करें कि ईद से पहले यह बीमारी खत्म हो जाए जिससे धूमधाम से ईद मनाई जा सके।’

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इतना ही नहीं पीएम मोदी ने रमजान के अलावा अक्षय तृतीया का भी जिक्र किया और इसका महत्व बताया। अक्षय तृतीया को लेकर उन्होंने बताया कि इसी दिन पांडवों को अक्षय पात्र मिला था, जिसमें भोजन कभी खत्म नहीं होता था। मोदी ने कहा कि अब किसान इसी सोच के साथ मेहनत करते हैं कि लोगों के पास भोजन कम न पड़े। पीएम ने आगे कहा कि इस अक्षय तृतीया पर हमें पर्यावरण, जंगल, नदियों के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि अगर वे जिंदा रहीं तो ही धरती जिंदा रहेगी और तब ही हम जिंदा रह पाएंगे।

राज्य सरकारों की सराहना करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, हमारे देश की राज्य सरकारों की भी इस बात के लिए प्रशंसा करूँगा कि वो इस महामारी से निपटने में बहुत सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। स्थानीय प्रशासन, राज्य सरकारें जो अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं, उसकी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बहुत बड़ी भूमिका है।

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उन्होंने कहा कि आज कल सोशल मीडिया में हम सब लोग लगातार देख रहे हैं कि लॉकडाउन के दौरान, लोग अपने इन साथियों को न सिर्फ याद कर रहे हैं, उनकी जरूरतों को ध्यान रख रहे हैं, बल्कि इनके बारे में बहुत सम्मान से लिख भी रहे हैं। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों – इतना ही नहीं, हमारी पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है।