नई दिल्ली। चलिए छोड़िए बाकी मसलों की चिंता…वैसे भी सियासी गलियारों में किसी न किसी मसले को लेकर बहस का सिलसिला तो जारी ही रहता है।लोग खुलकर इन मसलों पर अपनी राय रखते हैं। किसी की राय का स्वागत किया जाता है, तो किसी का विरोध। बीते दिनों एक ऐसी ही राय मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिद में लगने वाले लाउडस्पीकर को लेकर दी थी। उन्होंने आक्रमक रवैये में अल्टीमटेम देते हुए कहा था कि आगामी 6 मई तक सभी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हट जाने चाहिए। नहीं तो…नहीं तो फिर..इसके विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जाए…जिसके बाद से लगातार इसे लेकर बहस का सिलसिला जारी है। कोई गुरेज नहीं यह कहने में मनसे प्रमुख की राय को लेकर दो तरह के गुटों का उदय हो चुका है। एक वे जो उनकी राय का विरोध कर रहे हैं और एक वे जो उनकी राय का समर्थन कर रहे हैं।
उनकी राय को लेकर सियासी गलियारों में सियासी पारा भी शबाब पर दिख रहा है। लेकिन इस बीच किसी भी सियासी खींचतान से खुद को दूर रखने के लिए आपसी सहमति से मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटा रहे हैं और तो कई मंदिरों से भी लाउडस्पीकर के हटाए जाने की खबरें सामने आई है। बता दें कि आम जनमानस को होने वाली परेशानियों को ध्यान में रखते हुए मंदिर से लेकर मस्जिद पक्ष लाउडस्पीकर हटा रहे हैं। उनका कहना है कि मंदिर मस्जिदों में लगने वाले लाउडस्पीकर से लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इससे ध्वनि प्रदूषण भी होता है। लिहाजा लोगों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़े। इसलिए मंदिर से लेकर मस्जिद पक्ष के लोग लाउडस्पीकर को पारस्परिक सौहार्द से हटा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के बाद मंदिर-मस्जिदों सहित धार्मिक स्थलों से अतिरिक्त लाउडस्पीकर को हटाया जा रहा है। अलाउद्दीन पुर की बड़ी मस्जिद और शिव मंदिर से सहमति से अतिरिक्त लाउडस्पीकर हटा दिए गए हैं। कई जगह लाउडस्पीकरों की आवाज कम कर दी गई। pic.twitter.com/ks7ZLHa5zG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 27, 2022
आपको बताते चलें कि शिव मंदिर अलाउद्दीन पुर के दो अतिरिक्त लाउडस्पीकर को सहमति से उतरवाया गया। मां न्यायालय के आदेश के अनुपालन मे जामा मस्जिद पुरानी बाजार से लाउड स्पीकर उतरवाते हुए। उधर, बड़ी मस्जिद अलाउद्दीन पुर से अतिरिक्त लाउडस्पीकर को उतरवाया गया। मां न्यायालय के आदेश के अनुपालन मे मरही माता मंदिर से लाउड स्पीकर उतरवा दिए गए हैं। अहले हदीस मस्जिद गुमा फातमा जोत के इमाम की सहमति से अतिरिक्त लाउडस्पीकर को उतरवा या गया। इसके साथ ही थाना हरैया क्षेत्र के महमूदनगर में बिना अनुमति के मस्जिद में लगे लाउडस्पीकर को हटवाया गया। उधर, जब से लाउडस्पीकर को लेक बहस छिड़ी हुई है, तब से राजधानी लखनऊ से 433 लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं।
लखनऊ में मंदिर–मस्जिदों को मिलाकर अब तक 433 लाउडस्पीकर हटाए जा चुके हैं। इसके अलावा कई जगहों पर लाउडस्पीकर से होने वाली लोगों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लाउडस्पीकर की आवाज को धीमा कर दिया गया है। ध्यान रहे कि जब लाउडस्पीकर विवाद को लेकर बहस छिड़ी हुई है, तब से जहां कुछ धार्मिक सौहार्द का परिचय देते हुए खुद ही धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग इसकी आवाज को धीमा कर रहे हैं। बहरहाल, सियासी गलियारों में इस पूरे मसले को लेकर बहस का सिलसिला अभी-भी जारी है। अब ऐसे में यह पूरा मामला आगे चलकर क्या कुछ रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।