नई दिल्ली। कोरोना की कमर तोड़ने के लिए चल रहे भागीरथी प्रयासों के बीच शनिवार को दिल्ली पुलिस के सामने अजीब-ओ-गरीब हालात बन गए। दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले में रहने वाले परिवार ने पुलिस से एक विवाह को संपन्न कराने का आग्रह किया। दोनों परिवार चाहते थे कि किसी भी तरह से तयशुदा तिथि/वक्त पर विवाह संपन्न हो जाये। इस बात का ख्याल रखकर कि इस विवाह के चलते किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और महाबंद की हदें न टूटने पायें।
पूरे महाबंद की अवधि में दिल्ली पुलिस ने अपने तमाम मानवीय चेहरे पेश किये हैं। दिल्ली पुलिस के कोरोना-कर्मवीरों की ईमानदार कर्तव्यनिष्ठा और सेवा-भाव का लोहा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी. किशन रेड्डी भी माने बैठे हैं। भला ऐसे में एक जोड़े को शादी के बंधन में बंधवाने से भी दिल्ली पुलिस कैसे और क्यों चूक जाती?
#LockdownShaadi Vidai in a police gypsy. Bridegroom arrived in a police gypsy & after wedding took the bride in the same gypsy. Marriage took place after police permission. #DilKiPolice pic.twitter.com/w5qiqHLpcz
— Nitisha (@Nitisha_Kashyap) April 25, 2020
कोरोना के कहर के चलते राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाके हॉटस्पॉट में तब्दील हो चुके हैं। लिहाजा ऐसे में थाना-चौकी स्तर पर कोई भी पुलिस अफसर कुछ कर पाने की स्थिति में नहीं है। लिहाजा यह जानकारी दक्षिणी परिक्षेत्र के संयुक्त पुलिस आयुक्त देवेश चंद्र श्रीवास्तव तक भी पहुंच गयी।
ज्वाइंट सीपी देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने आईएएनएस को बताया, हां, मुझे इस मामले में बताया गया। मुझे खुशी हुई कि कम से कम लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति आमजन को दिल्ली पुलिस इतना तो जागरुक कर सकी कि हर कोई हमारे पास आकर अपनी समस्या बेफिक्री से बयान कर पा रहा है।
उन्होंने कहा, मैंने इस बारे में दक्षिण-पूर्वी जिले के उपायुक्त आर पी मीणा से बात की। फिर तय किया कि शादी भी होनी चाहिए और कोरोना को हराने के लिए छेड़ी गयी दिल्ली पुलिस की लड़ाई में कोई व्यवधान भी उत्पन्न न हो।
ज्वाइंट सीपी ने कहा, अगर वर-वधू पक्ष हमारे पास तक न आ पाये होते किसी संकोचवश तो या तो, पूर्व निर्धारित तिथि पर विवाह अंसभव था या फिर अगर पुलिस का सहयोग मांगने के बजाये दोनो पक्ष खुद ही चोरी-छिपे इस विवाह को संपन्न कराने की कोशिश करते, वो भी अनुचित होता। दिल्ली पुलिस शुक्रगुजार है वर-वधू पक्ष के लोगों की जिन्होंने हम पर विश्वास करके हमें यह शुभ कार्य संपन्न कराने का अवसर सौंपा।
संयुक्त पुलिस आयुक्त की ओर से हरी झंडी मिलते ही दक्षिण-पूर्वी जिला डीसीपी आर पी मीणा थाना कालकाजी पुलिस के साथ खुद भी निजी रूप से इस विवाह को निर्विघ्न रूप से संपन्न कराने में जुट गये। पुलिस और परिवार वालों के संयुक्त मत से ग्रेटर-कैलाश पार्ट-1 स्थित आर्य समाज मंदिर में शनिवार को विवाह के संपूर्ण व संक्षिप्त कार्यक्रम संपन्न करा दिये गये।
गोविंदपुरी निवासी कौशल और पूजा की शादी के चलते न तो महाबंद का बंधन ही टूटा न ही सोशल डिस्टेंसिंग की कहीं कोई हद टूटी। वजह यह थी कि पुलिस चूंकि इंतजाम कर रही थी, लिहाजा दोनो पक्षों के पांच-पांच जिम्मेदार लोग ही विवाह में शामिल हुए।
जिला डीसीपी आर पी मीणा के मुताबिक, दरअसल इस पूरे विवाह समारोह को बेहद सादगी से संपन्न कराने में असल और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई कालकाजी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर संदीप घई, हवलदार अनिल कुमार और संजीव ने। दोनों परिवारों ने सबसे पहले थाना कालकाजी पुलिस से ही संपर्क साधा था। अगर कालकाजी थाना स्टाफ मामले की संवेदनशीलता को समझ कर उच्चाधिकारियों तक वक्त गंवाये बिना बात नहीं पहुंचाता, तो यह सब असंभव सा होता।
दूल्हे के पिता नरेश ने कालकाजी थाना पुलिस को बताया कि ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित आर्य समाज मंदिर तक चार पहिये के वाहन को ले जाने पर भी पाबंदी है। लिहाजा थाने के एसएचओ ने दूल्हा और दुल्हन को थाने की जिप्सी से पहुंचवाने (विदाई) का भी इंतजाम खुद ही किया।
कोरोना की इस मुसीबत में भी दिल्ली पुलिस के इस रूप की चर्चा पूरी दिल्ली में हो रही है। दुल्हन के पिता कौशल वालिया और आर्य समाज मंदिर के आचार्य वीरेंद्र भी इस विवाह को संपन्न कराने का सम्पूर्ण श्रेय दिल्ली पुलिस को देते नहीं थक रहे हैं।