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J&K: महबूबा मुफ्ती ने वीडियो शेयर कर कहा मुझे नजरबंद किया गया, लेकिन हकीकत जान आप चौंक जाएंगे

J&K: महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) की जमीन को बेचना चाहती है, आज बाहर से आकर लोग यहां नौकरी कर रहे हैं लेकिन हमारे बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही है।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने के बाद कई स्थानीय नेता लंबे समय तक नजरबंद रहे। हालांकि धीरे-धीरे क्रमबद्ध तरीके से इनको रिहा कर दिया गया। लेकिन नजरबंदी से रिहाई के बाद इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर का स्पेशल स्टेट्स वापिस दिलाने के लिए गुपकार संगठन बनाया। यह संगठन अपने अस्तित्व में आने के बाद से ही विवादों में रहा। इस में शामिल दल एनसी के नेता फारुक अब्दुल्ला ने पहले तो जम्मू-कश्मीर में फिर से धारा 370 बहाल करने के लिए चीन से मदद लेने की बात कही। वहीं इसी संगठन में शामिल पीडीपी की नेता महबूबा मुफ्ती ने इस बयान के जरिए बवाल मचा दिया कि वह तिरंगे को तब तक हाथ नहीं लगाएंगी जब तक उनके राज्य का स्पेशल स्टेट्स वापिस नहीं मिल जाता। वहीं जम्मू-कश्मीर में किसी को भी जमीन खरीदने की अनुमति मिलने के बाद महबूबा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के भौगोलिक स्थिति को बदलने का प्रयास किया जा रहा है। यहां के स्थानीय लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। महबूबा ने तो लोगों को भड़काते हुए यह तक कह दिया कि केंद्र सरकार यह कोशिश कर रही है कि यहां के मुस्लिम बहुल इलाकों से मुसलमानों को बाहर किया जाए, इसके लिए ही इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं।

Mehbooba Mufti

इसके ठीक बाद महबूबा मुफ्ती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज घाटी में युवाओं के पास नौकरी नहीं है, इसलिए उनके सामने हथियार उठाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। आज आतंकी कैंप में भर्तियां बढ़ने लगी हैं। महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर की जमीन को बेचना चाहती है, आज बाहर से आकर लोग यहां नौकरी कर रहे हैं लेकिन हमारे बच्चों को नौकरी नहीं मिल रही है।

mehbooba

वहीं घाटी में जारी DDC के चुनाव के बीच एक बार फिर महबूबा ने यह सवाल उठाया कि उन्हें उनके घर में नजरबंद कर लिया गया है। इस मामले में तब पुलिस ने अपनी तरफ से एक बयान जारी किया है कि, जिसमें कहा है कि महबूबा मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है उन्हें सुरक्षा कारणों की वजह से पुलवामा को दौरान नहीं करने की सलाह दी गई है। वहीं महबूबा ने अभी पिछले हफ्ते भी एक बार फिर खुद को नजरबंद किए जाने का आरोप लगाया था। उस वक्त अधिकारियों ने मुफ्ती को श्रीनगर में अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से रोक दिया था। हालांकि तब भी जम्मू कश्मीर के चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए कहा था कि पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है।


अब एक बार फिर मंगलवार को महबूबा मुफ्ती ने अपनी नजरबंदी को लेकर सोशल मीडिया पर दो वीडियो ट्वीट किए। महबूबा ने इस ट्वीट में लिखा कि विरोध के किसी भी स्वरूप को दबाने के लिए अवैध हिरासत भारत सरकार का पसंदीदा तरीका बन गया है। मुझे एक बार फिर हिरासत में ले लिया गया है क्योंकि मैं बडगाम जाना चाहती थी, जहां पर सैकड़ों परिवारों को उनके घरों से निकाल दिया गया है।’ उन्होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि ‘भारत सरकार बिना कोई सवाल पूछे जम्मू-कश्मीर के लोगों पर ज़ुल्म और अत्याचार करना चाहती है।’ इनदोनों ट्वीट के साथ उन्होंने वीडियो भी शेयर किया।


महबूबा ने जो दोनों वीडियो शेयर करते हुए अपनी नजरबंदी की बात कही है उसमें से एक वीडियो में वह बंद गेट के अंदर से दरवाजा खटखटाते हुए गेट खोलने की मांग करते हुए देखी जा सकती हैं। इस वीडियो में महबूबा आगे कहती हैं कि ‘दरवाजा खोलो, मुझे बाहर जाना है। मुझे पेपर्स दिखाइए कि किस कानून के तहत आपने मुझे हिरासत में लिया है?’ लेकिन आप जब इस वीडियो को देखेंगे तो आप भी चौंक जाएंगे। दरअसल दोनों ही वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि अंदर से दोनों गेटों पर ताला जड़ा हुआ है। ऐसे में बाहर से इन दरवाजों को कैसे बंद किया जा सकता है।