Teacher Recruitment Scam: ममता के करीबी मंत्री पार्थ चटर्जी को ED ने किया गिरफ्तार, कल करीबी के यहां से मिली थी बड़ी रकम
पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां शुक्रवार को ईडी ने रेड डाली थी। वहां से 20 करोड़ रुपए, सोना और 20 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। अर्पिता मुखर्जी के यहां बरामद रुपए को सरकारी लिफाफों में रखा गया था।
कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय ने ममता बनर्जी के करीबी और उनकी सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार कर लिया है। पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के यहां शुक्रवार को ईडी ने रेड डाली थी। वहां से 20 करोड़ रुपए, सोना और 20 से ज्यादा मोबाइल फोन बरामद किए गए थे। अर्पिता मुखर्जी के यहां बरामद रुपए को सरकारी लिफाफों में रखा गया था। नोटों में 2000 और 500 की करेंसी थी। सोशल मीडिया पर इस बरामदगी की फोटो आने के बाद लोग हैरत में पड़ गए थे। फोटो में नोटों का पहाड़ कमरे में दिख रहा था।
ED is carrying out search operations at various premises linked to recruitment scam in the West Bengal School Service Commission and West Bengal Primary Education Board. pic.twitter.com/i4dP2SAeGG
— ED (@dir_ed) July 22, 2022
प्रवर्तन निदेशालय के एक आला अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई उनमें पश्चिम बंगाल के कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्री पार्थ चटर्जी, पूर्व शिक्षा मंत्री परेश अधिकारी, पश्चिम बंगाल प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और विधायक मानिक भट्टाचार्य, तत्कालीन शिक्षा मंत्री के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी पीके बंदोपाध्याय और तत्कालीन मंत्री के निजी सचिव सुकांता आचार्जी भी शामिल हैं। इनके अलावा पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, पश्चिम बंगाल सेंट्रल स्कूल सर्विस कमीशन के पूर्व अध्यक्ष सौमित्र सरकार, स्कूल एजुकेशन डिपार्टमेंट के उप सचिव आलोक कुमार सरकार, टीचरों की जॉब को बेचने वाला एजेंट चंदन मंडल उर्फ रंजन भी ईडी के छापों के घेरे में आए हैं।
ईडी के सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान विभिन्न जगहों से अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज, संदेहास्पद कंपनियों की जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद हुआ। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच सीबीआई की ओर से पहले दर्ज एफआईआर के आधार पर कर रहा है। सीबीआई को यह मामला कलकत्ता हाईकोर्ट ने जांच के लिए सौंपा था। इस मामले में कई और नेताओं पर भी गाज गिरने की आशंका है।