नई दिल्ली। हाल ही में उत्तर प्रदेश के बिजनौर में हुई एक घटना की वजह से हंगामा खड़ा हो गया। मीडिया और राजनीतिक दलों का एक पूरा ग्रुप इस मामले को लेकर सरकार और पुलिस की कार्रवाई को लेकर सक्रिय हो गया था। बिजनौर से एक खबर आ रही था कि एक मुस्लिम युवक को एक जन्मदिन की पार्टी से वापस आते समय जबरन उठाकर पुलिस ले गई और उसे सलाखों के पीछे डाल दिया गया। इसमें दावा किया गया था कि मुस्लिम युवक एक हिंदू लड़की के साथ जन्मदिन की पार्टी से वापस लौट रहा था। जबकि पुलिस ने लड़के पर “जबरन धर्म परिवर्तन” का आरोप लगाकर उसे जेल भेज दिया। हालांकि पुलिस की तरफ से इस मामले को लेकर साफ कर दिया गया था कि यह धर्म परिवर्तन का मामला था और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। हालांकि इस पूरी घटना की पुष्टी हमारी तरफ से नहीं की गई। यह सारी सुचनाएं मीडिया से प्राप्त खबरों के अनुसार है। लेकिन इस घटना की सूचना के बाद वामपंथी मीडिया और वामपंथ की सोच का समर्थन करनेवाले दल के नेता एकदम सक्रिय हो गए।
लेकिन हरियाणा की एक घटना जो 1 जनवरी की पूर्व संध्या पर घटी है उसपर ऐसे मीडिया संस्थान और राजनेता चुप हैं और इस मामले में उनकी तरफ से ना तो कोई खबर प्रकाशित की गई है ना ही ऐसे नेताओं के बयान ही सामने आए हैं। इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि एक नाबालिग लड़का जो कि दलित जाति का था एक मुस्लिम लड़की के परिवार वालों ने उसे मौत के घाट उतार दिया। रवि नाम के इस लड़के की उम्र 16 वर्ष थी, जो उसके परिवार के द्वारा जारी आधार कार्ड के अनुसार देखा जा सकता है।
रवि का परिवार हरियाणा के सोनीपत जिले के संदल कलां गांव में रहता है। जबकि आरोपी मुस्लिम लड़की का परिवार थरिया गांव में जो रवि के गाव से पांच किलोमीटर दूर है। रवि के परिवार में उसके पिता वेदपाल के अलावा वह एकमात्र कमाने वाला सदस्य था। रवि का हालांकि एक बड़ा भाई है जो पहले से बीमार है। इसके साथ ही उसकी चार बहनें हैं। जिसमें से एक कॉलेज जाती हैं, जबकि बाकी 3 शादीशुदा हैं।
रवि एक फैक्ट्री में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था और महीने में 9,000 रुपये कमाता था। उसको घायल अवस्था में 1 जनवरी, 2021 की सुबह थरिया गांव के बाहर खेतों में पाया गया था। रवि के चचेरे भाई राजेंद्र की शिकायत पर सोनीपत सदर पुलिस स्टेशन में उसी दिन इस मामले में (एफआईआर) दर्ज की गई थी। इस बयान में कहा गया कि रवि थरिया गांव की मुबीन नाम की लड़की से बात करता था। 31 दिसंबर की रात लगभग 8 बजे उसने यह कहते हुए घर छोड़ दिया कि वह नए साल की पूर्व संध्या पर मुबीन को बधाई देने जा रहे हैं और जल्द घर लौट आएंगे।
रवि अपने दोस्त कुलबीर जो संदल कलां गांव का ही रहनेवाला था के साथ मोटरसाइकिल से निकल गया था। जब रवि पूरी रात नहीं लौटा तो उसका परिवार उसकी तलाश करने निकला। लेकिन वह नहीं मिला लेकिन अगले दिन सुबह 7:30 बजे थरिया गांव के बाहर उसको घायल हालत में पड़ा देखा गया। इसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां रास्ते में उसने बताया कि उसकी पिटाई मुबीन के परिवार वालों ने की। लेकिन अस्पताल में उसकी मौत इलाज के दौरान हो गई। रवि ने अपनी पिटाई करनेवाले मुबीन के परिवार के लोगों का नाम भी बताया था। उसने बताया था कि उसे सद्दाम, नौशाद, मेहरूफ़, इरशाद और अरमान ने पीटा।
बयान में इस बात का भी जिक्र है कि मुबीन ने अगले दिन (2 जनवरी) को रवि के चचेरे भाई बलराम को फोन किया और इस पूरे घटना की जानकारी दी और यह भी बताया कि कुलबीर तब मौके से भागने में कामयाब हो गया था।