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जम्मू-कश्मीर से लेकर सिविल सर्विसेज तक- मोदी कैबिनेट ने लिए कई अहम फैसले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक ने कई अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar), केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) और सचिव सी चंद्रमौली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक ने कई अहम फैसले लिए गए हैं। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar), केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (Union Minister Dr Jitendra Singh) और सचिव सी चंद्रमौली ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस कर ये जानकारी दी। केंद्रीय कैबिनेट ने सिविल सर्विसेज में व्यापक सुधार के लिए कर्मयोगी योजना (Karamyogi Scheme) को मंजूरी दी। कर्मयोगी योजना से सिविल सेवा के अधिकारियों की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा बिल लाने को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने इस दौरान तीन प्रमुख एमओयू को भी मंजूरी दी। टेक्सटाइल मंत्रालय और जापान, माइनिंग मिनिस्ट्री और फिनलैंड तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा डेनमार्क के बीच एमओयू को सरकार ने मंजूरी दी है।

Modi Cabinet

उर्दू के साथ हिंदी भी- जम्मू-कश्मीर में चलेंगी 5 आधिकारिक भाषाएं

अब जम्मू-कश्मीर में उर्दू और अंग्रेजी के अलावा हिंदी के साथ तीन अन्य को भी आधिकारिक भाषा बनाने को मंजूरी दी गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर अधिकारिक भाषा बिल 2020 को मंजूरी दी है। आगामी संसद सत्र में इस बिल को पेश किया जाएगा। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर में कुल पांच आधिकारिक भाषाएं होंगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने जम्मू-कश्मीर के लिए राजभाषा विधेयक 2020 लाने का निर्णय लिया है। इसमें उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी, अंग्रेजी ऑफिशियल लैंग्वेज होंगी। उन्होंने बताया कि यह फैसला लोगों की मांग पर लिया गया है। अभी विधेयक को संसद में पेश किया जाएगा। इसलिए बाद में इस बारे में ज्यादा जानकारी मिलेगी।

Union Minister Prakash Javadekar

दरअसल, अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के बीच परस्पर संतुलन साधने की कोशिश में केंद्र सरकार जुटी है। अभी राज्य में उर्दू और अंग्रेजी में ही सरकारी कामकाज होता आया है। ऐसे में हिंदी के साथ जम्मू डिवीजन में बोली जाने वाली डोगरी को भी आधिकारिक भाषा बनाकर सरकार ने संतुलन बनाने की कोशिश की है। जम्मू के लोग लगातार डोगरी को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग उठाते आए हैं। इसके अलावा जनता की मांग पर कश्मीरी को भी आधिकारिक भाषा बनाया गया है। हालांकि, इसे लागू करने के लिए अभी बिल को संसद के दोनों सदनों से मंजूरी भी दिलानी पड़ेगी।