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Video:‘मोदी चाहे तो रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवा सकते हैं’, फारूक अब्दुल्ला का बयान

हालांकि, दुनिया को लगा था कि भारत पूरी तरह रूस के पक्ष में खड़ा होने का ऐलान करेगा, लेकिन इस संवेदनशील स्थिति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद सूझबूझ का सहारा लिया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिथा कि यह युद्ध का युग नहीं है। लिहाजा दोनों ही देशों को शांति की राहों पर लौटना होगा।

नई दिल्ली। पिछले 10 माह से रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमलों का सिलसिला जारी है। आलम यह है कि यूक्रेन में बिजली और पानी की आपूर्ति युद्ध की वजह से बाधित हो चुकी है। जिसका खामियाजा यूक्रेनी नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। सामरिक मोर्चे पर निर्बल यूक्रेन की स्थिति रूस के आगे डांवाडोल हो रही है। उधर रूस लगातार यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रमकता बढ़ाते ही जा रहा है। इसी बीच गत दिनों यूक्रेनी राष्ट्रपति अमेरिका दौरे पर गए हैं, जहां वे युद्ध में प्रयुक्त होने वासे साजोसामानों की मांग अमेरिका से कर सकते हैं। वहीं अमेरिका ने भी यूक्रेन को युद्ध से संबंधित सभी साजोसामान मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। वहीं इस युद्ध को लेकर भारत के रूख की बात करें, तो भारत के लिए इस युद्ध ने धर्मसंकट जैसी स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि रूस के साथ-साथ यूक्रेन और अमेरिका भी भारत का दोस्त है और अमेरिका सहित कई अन्य यूरोपीय देश रूस का विरोध करते हुए नजर आ रहे हैं ।ऐसी स्थिति में भारत के लिए अपना रुख सार्वजनिक करना किसी चुनौती से कम नहीं था।

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हालांकि, दुनिया को लगा था कि भारत पूरी तरह रूस के पक्ष में खड़ा होने का ऐलान करेगा, लेकिन इस संवेदनशील स्थिति में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहद सूझबूझ का सहारा लिया। जिसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि यह युद्ध का युग नहीं है। लिहाजा दोनों ही देशों को शांति की राहों पर लौटना होगा। दोनों देशों के बीच जारी जंग के बीच पीएम मोदी रूस सहित यूक्रेन के राष्ट्रध्यक्ष से वार्ता कर चुके हैं। इस बीच बीते दिनों पीएम मोदी की रूस के राष्ट्रपति से फोन पर टोलीफोन पर वार्ता हुई थी, जिसमें उन्होंने पूतिन से शांति की राह पर लौटने की अपील की थी। इतना ही नहीं, इस वार्ता से पहले पुतिन ने यूक्रेन को परमाणु हमले की धमकी दे दी थी। इसी के बाद पीएम मोदी की रूसी राष्ट्रपति से फोन पर वार्ता हुई थी। जिसके बाद रूस की आक्रमकता में नरमी देखने को मिली थी। जिसको खुद अमेरिका ने माना था।

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अब ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में दोनों ही देश युद्ध के मोर्चे पर क्या कदम उठाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, लेकिन उससे पहले आपको बता दें कि नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पीएम मोदी पर दोनों ही देशों के बीच जारी युद्ध को लेकर बड़ा भरोसा जताया है। अब्दुल्ला ने स्पष्ट कर दिया है कि वर्तमान में अगर किसी के पास रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने का दम है, तो वो पीएम मोदी ही हैं।

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पीएम मोदी ही इस युद्ध पर विराम लगा सकते हैं। फारूक ने आगे कहा कि पीएम मोदी के रूस के साथ-साथ यूक्रेन और अमेरिका से भी अच्छे संबंध हैं। ऐसी स्थिति में वे चाहे तो युद्ध को विराम देने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकते हैं। फारूक ने पीएम मोदी द्वारा बाली में बोले गए यह युग युद्ध का नहीं है, का जिक्र किया। ध्यान रहे, रूस-यूक्रेन युद्ध पर फारूक द्वारा दिए गए बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं।