newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

कोरोना : मामला हाथ से ना निकल जाए इसलिए देखिए मोदी सरकार ने क्या किया?

केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए देश की प्रतिक्रिया काफी सक्रिय रही है। वायरस के प्रकोप से पार पाने के लिए देश के प्रयासों की सराहना करते हुए सरकार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से पहले ही भारत ने अपनी सीमाओं पर एक व्यापक प्रतिक्रिया प्रणाली को अपना लिया था।

नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता ही जा रही है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ने समय रहते मामले को भांप लिया और इससे बचाव के प्रयास तेज कर दिए। केंद्र सरकार ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 से निपटने के लिए देश की प्रतिक्रिया काफी सक्रिय रही है। वायरस के प्रकोप से पार पाने के लिए देश के प्रयासों की सराहना करते हुए सरकार ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करने से पहले ही भारत ने अपनी सीमाओं पर एक व्यापक प्रतिक्रिया प्रणाली को अपना लिया था। वीजा के निलंबन के साथ ही हवाई मार्ग से भारत आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने जैसे फैसले किसी भी अन्य देश से बहुत पहले लिए गए।

amit shah and modi

भारत में 30 जनवरी को कोरोनावायरस का पहला मामला सामने आया था, जबकि चीन और हांगकांग से आने वाले अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग 18 जनवरी से ही शुरू कर दी गई थी। सरकार ने कहा, वैश्विक परिदृश्य पर नजर डाली जाए तो कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित इटली और स्पेन ने पहले रिपोर्ट किए गए मामले के बाद क्रमश: 25 दिन और 39 दिन बाद यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू की थी।

corona virus pic

केंद्र सरकार ने कई प्रतिबंधात्मक कदम उठाए, जिसमें यात्रा प्रतिबंध, स्क्रीनिंग के लिए अधिक देशों और हवाईअड्डों को जोड़ना, वीजा के निलंबन और स्व-एकांतवास उपायों को प्रभावी ढंग से शामिल करना, रोग के प्रसार को रोकना आदि शामिल है। वायरस के वैश्विक प्रसार के साथ, न केवल यात्रा संबंधी एडवाइजरी जारी की गई, बल्कि सभी हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग का भी विस्तार किया गया।

Coronavirus

हवाईअड्डों पर स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जांच किए जाने के बाद यात्रियों को एहतियात के तौर पर एकांतवास में अस्पतालों में भेज दिया गया। यहां तक कि उन लोगों का विवरण भी राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ साझा किया गया, जिन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। ऐसा एहतियात के तौर पर इसलिए किया गया, ताकि उन्हें आवश्यक दिनों के लिए अपने संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेशों की निगरानी में रखा जा सके। कुल 30 हवाई अड्डों, 12 प्रमुख और 65 छोटे बंदरगाहों और भूमि सीमाओं पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हुई। इस दौरान 36 लाख से अधिक यात्रियों की जांच की गई।