नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर किसान ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) के दौरान हुई हिंसा के बाद से केंद्र सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। एक तरफ जहां किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर भारत की छवि लगातार खराब करने की कोशिश की जा रही है। ट्विटर पर आरोप हैं कि उनके मंच का इस्तेमाल किसानों को भड़काने के लिए किया जा रहा है। वहीं भारत सरकार और ट्विटर के बीच की तकरार भी बढ़ती जा रही है। इसी बीच एक बार फिर भाकत सरकार ने किसान आंदोलन में माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर की भूमिका को लेकर आड़े हाथ लिया है। गौरतलब है कि किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के बाद सरकार ने ट्विटर को खालिस्तान और पाकिस्तान की ओर से समर्थित भारत के खिलाफ चल रहे ट्विटर अकाउंट बंद करने कहा था।
भारत सरकार ने इस चर्चा की पुष्टि करते हुए कहा कि मंत्रालय के सचिव और ट्विटर की वाइस प्रेसिडेंट (ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी) मोनिके मेशे ने आपस में चर्चा की है। सरकार ने इस बातचीत में ट्विटर से सरकारी नियमों के अनुपालन करने और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखने के लिए कहा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कंपनी के अपने भले ही कोई नियम हों, लेकिन उसे देश के कानूनों का पालन करना ही चाहिए।
इस दौरान मंत्रालय के सचिव ने ट्विटर के अधिकारियों से कहा कि भारत सरकार अभिव्यक्ति की आजादी के सिद्धांतों का सम्मान करती है। यह देश के लोकतंत्र का हिस्सा है और इसके लिए संविधान में प्रावधान भी हैं। लेकिन यह आजादी निरंकुश नहीं है और इसपर जरूरी प्रतिबंध लागू होते हैं। सरकार ने अपने बयान में कहा कि प्रतिबंधों की यह बात संविधान से आर्टिकल 19 (2) में लिखी हुई हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने भी समय-समय पर इसे लेकर तमाम फैसले दिए हैं।
ट्विटर के साथ बैठक में केंद्र सरकार ने तथाकथित टूलकिट का भी जिक्र किया और आरोप लगाया कि ट्विटर का इस्तेमाल इस तरह से गलत कैंपेन चलाने के लिए किया जा रहा है जिससे भारत में माहौल बिगाड़ा जा सके। ऐसे में ट्विटर को सख्त कार्रवाई करनी होगी।
सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों से दो टूक संदेश देते हुए यह भी कहा कि उनकी कंपनी का भारत में बिजनस करने के लिए स्वागत है, लेकिन ऐसा तभी हो सकता है जबकि वह भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान करे। सरकार ने अपने बयान में यह भी कहा कि किसी भी कंपनी को देश में होने पर भारतीय संसद के द्वारा पारित कानूनों का पालन करना ही होगा।
वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में बोलते हुए सोशल मीडिया कंपनियों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग अगर हिंसा, फेक न्यूज, वैमनस्य बढ़ाने के लिए किया जाएगा, तो कार्रवाई होगी।
We respect social media a lot, it has empowered common people. Social media has a big role in Digital India programme. However, if social media is misused to spread fake news, violence then action will be taken: Union Minister Ravi Shankar Prasad in Rajya Sabha pic.twitter.com/M2NTIrh1ia
— ANI (@ANI) February 11, 2021