नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत जब भी किसी मसले पर अपनी राय रखते हैं, तो लोगों के जेहन में उसे जानने की आतुरता अपने चरम पर पहुंच जाती है और यह आतुरता लाजिमी भी है, क्योंकि उनके द्वारा पेश की गई राय कई मायनों में अहम है। अब इसी बीच उन्होंने कश्मीरी पंडितों के पलयान व उनके पूनर्वास पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। दरअसल, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख ने जम्मू-कश्मीर में आयोजित अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कश्मीरी पंडितों से संबंधित कई विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। ध्यान रहे कि नवरेह के पर्व को ध्यान में रखते हुए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। 34 साल बाद कश्मीरी पंडितों ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था। नवरेह हिंदू कैलेंडर का पहला दिन माना जाता है। जिसे कश्मीरी पंडित त्योहार के रूप में मनाते हैं।
इस बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस बार ऐसा बसना है कि कोई उज़ाड़ न सकें। हम सभी को मिलजुलकर साथ रहना है। उन्होंने आगे द कश्मीर फाइल्स का जिक्र कर कहा कि अभी धीरे-धीरे द कश्मीर फाइल्स का सच देश के सामने आ रहा है। इसके अलावा उन्होंने राजा ललिदात्यित की भी विस्तार से चर्चा की। उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश कश्मीरी हिंदुओं का दर्द समझ रहे हैं। पूरे देश की उनके प्रति साहनुभूति है। उन्होंने कहा कि इस बार कश्मीरी पंडितों को वहां ऐसे बसना है कि कोई आपको वहां से विस्थापित करने के बारे में सोच न सकें।
उन्होंने आगे कहा कि धैर्य से अपना प्रयास जारी रखे। कश्मीर संपूर्ण भारत का अभिन्न अंग है। भागवत ने आगे कहा कि संकट आते हैं। कई बार आते हैं। कई बार भयंकर रीति से आते हैं। लेकिन हमें इनका सामना करने के लिए खुद को तैयार रखना होगा। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने लोगों को जागृत करना होगा। उन्होंने कई मसलों को लेकर जागृत करना होगा।