नई दिल्ली। साल 2021 में पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधान सभा चुनाव होने वाले है, लेकिन उससे पहले सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) को एक के बाद एक लगातार झटके लगते जा रहे है। ममता की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) का दामन छोड़कर कई नेता और कार्यकर्ता भाजपा का दामन थामने की जुगत में लगे हुए हैं। साथ ही ममता के करीबी लोगों के द्वारा भी उनका साथ छोड़ा जा रहा है। इसी कड़ी में शुक्रवार को टीएमसी के दो नेताओं ने उनका साथ छोड़ दिया है। साथ ही बंगाल चुनाव से पहले ममता बनर्जी की टेंशन बढ़ा दी है।
तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक शीलभद्र दत्त (Silbhadra Dutta) और अल्पसंख्यक मोर्चा के नेता कबीर उल इस्लाम ने शुक्रवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले गुरुवार को शुभेंदु अधिकारी और जितेंद्र तिवारी ने पार्टी छोड़ दी थी। इससे पहले टीएमसी विधायक शीलभद्र दत्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शीलभद्र दत्ता 24 परगना जिले के बैरकपुर से विधायक हैं। शुभेंदु अधिकारी के साथ शीलभद्र दत्ता के भी भाजपा का दामन थामने के कयास लगाए जा रहे हैं।
पश्चिम बंगाल: तृणमूल कांग्रेस के नेता कबीर उल इस्लाम ने पार्टी के अल्पसंख्यक सेल के महासचिव पद से इस्तीफा दिया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
वहीं तृणमूल कांग्रेस में बड़े नेताओं के बागी होने के बाद पार्टी की चिंता बढ़ने लगी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने टीएमसी की इमर्जेंसी की मीटिंग बुलाई है। हालांकि, टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि यह कोई इमर्जेंसी मीटिंग नहीं है, बल्कि यह पार्टी की नियमित बैठकों का ही एक हिस्सा है। टीएमसी सूत्रों ने बताया कि हर शुक्रवार पार्टी की अध्यक्ष टीएमसी नेताओं से बैचों में मिलती हैं। आपको बता दें कि अगले साल बंगाल की 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
इससे पहले टीएमसी विधायक जितेन्द्र तिवारी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि कुछ ही समय पहले उन्होंने आसनसोल नगर निगम के बोर्ड आफ चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दिया था। जितेन्द्र तिवारी फिलहाल पांडेश्वर विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।