भोपाल। देशभर में मॉब लिंचिंग का राग अलापने वाली कांग्रेस पार्टी को अब मध्य प्रदेश में हुई हत्या के लिए आवाज उठाते सुना नहीं जा रहा है। हाल ही में मध्य प्रदेश के सागर जिले में आपसी विवाद के चलते मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जलाए गए धन प्रसाद अहिरवार की उपचार के दौरान गुरुवार को दिल्ली में मौत हो गई। धन प्रसाद की मौत पर मुख्यमंत्री ने शोक जताया है, वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने शासन-प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि मोती नगर थाना क्षेत्र में बालाजी मंदिर के पास स्थित अयोध्या बस्ती प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने आवास में रहने वाले धन प्रसाद अहिरवार (24) पर आपसी विवाद के चलते कुछ लोगों ने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।
धन प्रसाद को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से उसे उपचार के लिए भोपाल और फिर दिल्ली भेजा गया। उसकी गुरुवार को उपचार के दौरान मौत हो गई।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने धनी प्रसाद के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “सागर निवासी युवक धन प्रसाद अहिरवार की दिल्ली में इलाज के दौरान दुखद मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ, परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं।”
सागर निवासी युवक धनप्रसाद अहिरवार की दिल्ली में इलाज के दौरान दुःखद मृत्यु का समाचार प्राप्त हुआ।
परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ।
दुःख की इस घड़ी में परिवार के साथ सरकार खड़ी है।
परिवार की हर संभव मदद के निर्देश।— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 23, 2020
उन्होंने कहा कि ‘दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ सरकार खड़ी है। परिवार की हर संभव मदद के निर्देश।’ लेकिन सोचने वाली बात यह है कि अगर यही कुछ भाजपा शासित प्रदेश में हुआ होता तो कांग्रेस पार्टी इस मॉब लिंचिंग का मामला बताकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के स्थानीय शासन को घेरने में किसी भी तरह से पीछे नहीं रहती। आपको बता दें कि इस मामले में जिनपर धन प्रसाद अहिरवार को जिंदा जलाए जाने का आरोप लगा है वह सभी एक खास समुदाय के आरोपी हैं। लेकिन इसको लेकर अभी तक किसी तरह का सवाल नहीं उठाया गया है। पुलिस ने इस मामले में धनप्रसाद अहिरवार का पड़ोस में रहने वाले इरफान खान, कल्लू अज्जू को गिरफ्तार किया था।
वहीं नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने शासन और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा, “आखिरकार मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन की लापरवाही ने सागर के दलित युवक धन प्रसाद अहिरवार की जान ले ली। समय रहते कमलनाथ सरकार अगर दलित युवक की सुध ले लेती तो आज उस युवक की जान बचाई जा सकती थी।”
धन प्रसाद को जिंदा जलाने के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी एक समुदाय के बताए जाते हैं।