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मुंबई : तीन अस्पतालों की लापरवाही की वजह से गर्भवती महिला ने ऑटोरिक्शा में तोड़ा दम, सवालों के घेरे में महाराष्ट्र सरकार

एक नहीं बल्कि तीन अस्पतालों की लापरवाही की वजह से एक गर्भवती महिला की जान चली गई। महाराष्ट्र के ठाणे से चिकित्सा लापरवाही की ये चौंकाने वाली घटना सामने आई है।

मुंबई। दुनिया पर कोरोना का संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस मुश्किल घड़ी में कई ऐसी कहानियां भी सामने आ रही हैं जो दिल को दुखाने वाली हैं। ऐसी ही एक खबर मुंबई से सामने आई है। जहां एक नहीं बल्कि तीन अस्पतालों की लापरवाही की वजह से एक गर्भवती महिला की जान चली गई। महाराष्ट्र के ठाणे से चिकित्सा लापरवाही की ये चौंकाने वाली घटना सामने आई है।

 

दरअसल, यहां कई अस्पतालों ने 22 साल की एक गर्भवती महिला को एडमिशन देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसकी ऑटोरिक्शा में ही मौत हो गई। गर्भवती महिला को भर्ती करने से इनकार करने पर मुंब्रा पुलिस ने तीन अस्पतालों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और मामले की जांच शुरू की है। यह घटना 25 और 26 मई की रात को हुई।

 

‘इंडिया टुडे’ के अनुसार, महिला को प्रसव पीड़ा हुई। परिवार के एक सदस्य के साथ महिला एक के बाद एक अन्य अस्पताल में गई, लेकिन तीन अस्पतालों ने उसे लौटा दिया और अपने यहां भर्ती नहीं किया। वे सबसे पहले बिलाल अस्पताल गए। यहां एडमिशन नहीं मिलने के बाद वो प्राइम क्रिटिकेयर अस्पताल और यूनिवर्सल अस्पताल गए। तीनों अस्पतालों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया।

तीनों अस्पताल के खिलाफ FIR

प्रसव पीड़ा के दौरान एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाने के दौरान महिला की ऑटोरिक्शा में ही मौत हो गई। परिवार के सदस्यों ने मुंब्रा पुलिस स्टेशन से संपर्क किया और तीनों अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता राम कदम ने भी इस घटना का वीडियो ट्वीट किया है।

महाराष्ट्र सरकार पर बरसे बीजेपी नेता

इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार पर हमला किया और कहा कि अस्पतालों द्वारा भर्ती नहीं किए जाने पर महिला की सड़क पर ही मौत हो गई। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार की कई अपील के बाद भी कुछ नहीं किया जा रहा है। मुंबई में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं और वे सड़क पर इस तरह मर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से विफल है।’

वहीं कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भी ट्वीट कर लिखा, ‘मुंबई के पास मुंब्रा में एक प्रेग्नेंट महिला कोरोना के इलाज के लिए भटकती रही। आखिरकार ऑटो रिक्शा में ही उसकी मृत्यू हो गई। जिन तीन अस्पतालों ने उसका इलाज करने से मना किया था, उनके मालिकों को अगले 24 घंटे में गिरफ्तार करना चाहिए और उन पर हत्या का केस चालाया जाना चाहिए।’